अमरावती/प्रतिनिधि दि.२१ – मुस्लिम समाज को विकास के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए आरक्षण ही एकमात्र विकल्प है. जस्टिस राजेंद्र सच्चर समिति, रंगनाथ मिश्रा समिति, मेहमुद उर रहमान कमिटी की रिपोर्ट भी आरक्षण के फेवर में है. लेकिन समाज को आरक्षण घोषित नहीं किया गया है. मुस्लिम आरक्षण व संघर्ष समिति ने राजस्व मंत्री बाबासाहेब थोरात को निवेदन देकर मुस्लिम समाज को आरक्षण देने की मांग की है.
निवेदन में बताया गया कि, सच्चर समिति 2005 में गठित की गई थी. अक्टूबर 2006 में सदन में पारित किया गया था. जब से लेकर आज तक सिर्फ मुस्लिम समाज को आश्वासन ही मिला है. आजादी के बाद से लेकर आज तक हमेशा मुस्लिम समाज को सिर्फ वोट बैेंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया. आश्वासनों का खैरात बांटने का काम किया जा रहा है. हमें अब आश्वासन नहीं बल्कि आरक्षण ही चाहिए. इस आशय की मांग की गई है.
निवेदन सौंपते समय मोहम्मद मोइन भालदार, अ. कलीम, शोएब खान, अय्यज खान, आशिक अंसारी, जहीर बेग, डॉ. अब्दूल राजिक, एजाज भाई, सोहेल भाई, साजिद फुलारी, अज्जू भाई, इमरान अशरफी, डॉ. असलम भारती, शेख इसरार आलम, कमर राज, परवेज गौरी, नासिर सोलंकी, कामरान अंसारी आदि उपस्थित थे.