* नवरात्रि से बाजार में धूमधाम
* गरबा रास के लिए युवतियों में ज्वेलरी की भी डिमांड
अमरावती/दि.4– नवरात्रि का त्यौहार शुरु हो गया है. दूसरी ओर खरीदारी के लिए महिलाएं भी अभी से जुट गई है. गरबा और डांडिया नृत्य के लिए आवश्यक एवं आकर्षक परिधानों की मांग बढ गई है. घाघरा-चोली विशेष रुप से युवतियों और महिलाओं के लिए एक पारंपरिक पोशाक है. जो इस वर्ष अधिक पसंद की जा रही है. युवाओं ने नवरात्रि की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है. वहीं शहर में जगह-जगह गरबा प्रशिक्षण शिविर पूर्ण हो गए हैं. कपडों की खरीदारी के साथ-साथ डांसिंग के लिए जरुरी कलरफुल टिपरी को भी रिस्पॉन्स मिल रहा है. मार्केट सूत्रों ने बताया कि, 1500 से लेकर 5 हजार तक घागरा, ब्लाउज, ओढनी के सेट उपलब्ध है और इनकी आराधना, विजय साडी हाऊस, नूतन साडी स्टोर्स, हरीकृष्ण स्टोर्स और हरीकृष्ण सारीज से भरपूर मात्रा में खरीदारी हो रही है. उसी प्रकार गुजरात से लाए गए ड्रेसेस भी सडक किनारे बैठे विक्रेताओं से बडी मात्रा में खरीदी जा रही है. डांडिया और गरबा प्रेमी ‘थोडा आकर्षक’ दिखने के लिए बाजार में खरीदारी के लिए उमड पडे है. इस साल बाजार में सामान्य घाघरा चोली या चनिया चोली के अलावा गरबा के लिए डिजाइन की गई कई ड्रेस भी नजर आ रही है.
* तैयार हट के लुक का जोर
वर्तमान में कच्छी कढाई के साथ तैयार चोलियां, जो साडी और घाघरा दोनों को सजाती है. हमेशा की तरह इस साल भी लोकप्रियता हासिल कर रही है. ये अलग-अलग रंगो के साथ डिजाइन में भी उपलब्ध है. ‘हट के लुक’ वाला सफेद कुर्ता और कलरफुल जैकेट भी युवाओं का ध्यान खींच रहा है. चटख रंगों में उपलब्ध इस जैकेट की मांग नवरात्रि के बाद भी बढ रही है, क्योंकि इसे स्कर्ट या जींस के ऊपर पहना जाता है.
* मिरर वर्क और कावडा डिजाइन
नवरात्रि का त्यौहार शुरु हो गया है और ऐसे में युवा वर्ग डांडिया उत्सव की ओर आकर्षित हो रहा है. शहर में विशेष डांडिया का आयोजन किया जाता है. इसे लेकर युवा काफी उत्साहित है. डांडिया खेलते समय लडकियां घाघरा पहनती है. इस साल मिरर वर्क, कावडा डिजाइन वाले कटोरे और झमकुडी कटोरे चलन में है और युवतियों के बीच इनकी मांग है. बाजार आकर्षक रंग-बिरंगी झालरों से सजाए गए हैैं. कच्छ, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद में विभिन्न स्थानों के घाघरे मंगाए गए हैं और सर्वत्र खूब बिक रहे हैं. मिट्टी के बर्तनों की मांग बढी है. जिससे घटस्थापना की जाती है. गरबी सजाई जाती है.
* डिजाइन वाले हार, झुमके
घाघरा बाजार में रंग-बिरंगे रंगों के साथ-साथ तीन शेड्स या उससे अधिक में भी उपलब्ध है. इसमें घाघरा ब्लाउज और घाघरा पर कावडा डिजाइन है. इसके साथ ही चिकन वर्क घाघरा, लडरिया जैकेट, ब्लाउज, धोती पैंट श्री पीस बाजार में उपलब्ध है. डिजाइन वाले हार, झुमके की भी मांग बढी है. बालाजी ज्वेलर्स के संचालक गोपाल चौहाण ने बताया कि, ऑक्सीडाइज ज्वेलरी की डिमांड खूब है.
* झमकूडी घागरा
यह 37 कली का घाघरा है. झमकूडी घाघरा की परिधि 7 मीटर है और सूती कपडे पर काम किया जाता है. यह भी बडा चलन में है. इसमें इसकी विशेषता यह है कि घडे में 37 कलियाँ होती हैं. जो गरबा रास के समय बहुत सुंदर लगती है. इसलिए युवतियां और महिलाएं समान रुप से इसे पसंद करती है.
* पद्मावती मिरर वर्क घाघरा
10 से 12 मीटर की परिधि वाला पद्मावती घाघरा विशिष्ट है. इसकी परिधि 10 से 12 मीटर, मिरर वर्क, आकर्षक लेस, बाउल पर गोटापट्टी वर्क है. इसलिए डांडिया खेलते समय इसकी काफी डिमांड रहती है. राजस्थानी कढाई वाली मोजडी अर्थात जूतियां युवतियों को बडी पसंद आ रही है. घागरा और टॉप में कॉन्ट्रॉस सर्वाधिक पसंद किया जाता है, यह जानकारी विक्रेताओं ने दी. पद्मावती फिल्म से प्रसिद्ध हुआ पद्मावती घागरा अधिकतम चार हजार रुपए तक उपलब्ध है और युवतियां बडी संख्या में इसे पसंद कर रही है. इसमें कलर्स की वेरायटी युवतियों को लुभा रही है.