अमरावती

मन भाया मेरा सतगुरु जी, बदल गई मेरी तकदीर जी….

अलकाश्री जी के अपनत्व से सभी अभिभूत

बालाजी प्लॉट में भव्य सुंदरकांड
भजनों पर थिरके संतमणि सद्गुरु परिवार के सभासद
अमरावती/दि.2- मन भाया मेरा सतगुरु जी, बदल गई मेरी तकदीर जी….जैसे भजनों के संग विदर्भ मीरा अलकाश्रीजी ने गत रात बालाजी प्लॉट स्थित सीतारामदास बाबा मंदिर के प्रांगण में सुंदरकांड की प्रस्तुती दी तो, अनेकानेक गणमान्य थिरक उठे थे. अलकाश्रीजी बडे अंतराल पश्चात अंबानगरी पधारी थी. सीतारामदास बाबा की शिष्या विदर्भ मीरा के साथ संगीत व वाद्य कलाकारों ने 1 जनवरी के दिन को सस्मरणीय बना दिया. लोगों का उत्साह इस कदर था कि, पंडाल के बाहर भी सैकडों लोग सुंदरकांड की चौपाई और उसका अलकाश्रीजी के मुख से सामान्य भाषा में समझने का प्रयत्न कर रहे थे. देवीजी का अंदाज भी सभी को पसंद आया. व्यासपीठ के ठीक पीछे विशाल टीवी स्क्रीन के कारण सुंदरकांड पाठ में उमडे स्त्री-पुरुष भाविकोें को बडी सुविधा हुई. उसी प्रकार देवीजी के कोरस वाले साथियों एवं वादकों ने भी आयोजन को प्रभावी तथा यादगार बना दिया. दीपक चौधरी और उनके साथी के साईंबाबा वाले भजन के साथ कव्वाली का अंदाज भी प्रत्येक को लुभा और रोमांचित कर गया.
चौपाई के साथ प्रवचन की शैली
विदर्भ मीरा कहलाती और हठयोगी सीतारामदास बाबा की शिष्या अलकाश्री ने अपनी शैली में चौपाई के साथ प्रवचन की जोड रखी. उन्होंनें कहा कि, गुरु केवल उपदेश नहीं देता और सिर्फ मंत्र नहीं देता, अपितु जो उस मंत्र पर अमल करने की सीख देता है, पग-पग पर मार्गदर्शन करता है. वही गुरु है. गुुरु में अपने शिष्य को झीरो से हीरो बनाने की क्षमता होती है. उन्होंने कहा कि, जिस प्रकार चिकित्सक तीन प्रकार के होते हैं, उसी प्रकार गुरु भी तीन प्रकार के होते हैं. उन्होंने कई भजनों से सुंदरकांड पाठ को रोचक बना दिया. जिससे तीन घंटे तक सैकडों भाविक अपने स्थान पर जमे रहे. उनके स्वर में स्वर मिलाने का प्रयत्न करते रहे.


भजनों की लूट
भजनों की बौछार भी सुंदरकांड पाठ में समय-समय पर होती रही. विदर्भ मीरा ने अपने अंदाज में भाविकों को वहां से टस से मस न होने दिया. उसी प्रकार विशाल स्क्रीन पर अनिल पडिया और उनके साथी तकनीशियन ने भजन-भक्ति गीतों के समर्पक चित्र एवं वीडियो प्रसारित किए. फलस्वरुप आयोजन का प्रभाव बढ गया. ‘मेर सिर पर रख दो बाबा अपने ये दोनो हाथ…, गुरु का नाम लें बंदे यही तो सहारा हैं, यही जगद का पालनहारा हैं…, तन, मन, धन ममता लुटाएंगे…, चालो रे भाईडा आपा हरी गुण गावा…, म्हारो हेलो सुनोजी रामापीर…’ जैसे ठेंठ राजस्थानी अंदाज में भी उन्होंने भजन प्रस्तुत किए.
झूमे गणमान्य, भाईजी, सारडा
संतमणि सद्गुरु परिवार ने आयोजन में तो कोई कोरकसर नहीं छोडी. उसी प्रकार सभी सभासद पारंपरिक वेश भूषा में सुंदरकांड पाठ में सहभागी हुए. साउंड सिस्टम भी बढिया था. अनिल पडिया वीडियोग्राफी कर रहे थे. मंच से भजनों और भक्ति गीतों की प्रस्तुती होते ही अनेक सामान्य से लेकर गणमान्य तक थिरक उठे थे. म्हारो हेलो सुनो जी रामापीर जैसे भजन पर सुशील सारडा, रवि डागा, विजयभाईजी खंडेलवाल, नितिन चांडक, पनपालिया सभी थिरक उठे थे. ऐसे ही महिला वर्ग में भी भजनों पर झूमने-थिरकने का सुंदर नजरा रहा.
अलकाश्रीजी के स्वागत की होड
मूलरुप से राजस्थान के पीपाड शहर की निवासी अलकाश्रीजी का प्रथम स्वागत राजेंद्रभाउ सोमाणी, गोविंद सोमाणी ने पुष्पामाला तथा शॉल से किया. उपरांत पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता, माहेश्वरी पंचायत के सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री, उपाध्यक्ष सुरेश साबू, सचिव नंदकिशोर राठी, राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, सचिव रामेश्वर गग्गड, विजय खंडेलवाल, मनोज खंडेलवाल, पूर्व पार्षद तथा भाजपा युवा नेता प्रणित सोनी, स्वस्तिक नगर महिला मंडल, निरोग संस्था, सद्गुरु सीतारामदास बाबा समिति नागपुर के परमेश्वर लढ्ढा, डॉ. श्रीगोपाल राठी, हेमंत चांडक, चंदूलालजी राठी, उमरखेड से ओमप्रकाश सारडा, यवतमाल से प्रमोद मुंधडा, माहेश्वरी नवयुवक मंडल अध्यक्ष वैभव लोहिया, मंगलाश्रीजी राधेश्याम चांडक, दुर्गा भाभी आदि अनेक व्यक्ति तथा संस्थाओं ने अलकाश्रीजी का अंबानगरी पधारने पर स्वागत सत्कार किया. अलकाश्रीजी ने भी भाईयों और बहनों के उद्बोधन से सभी को अपना बना लिया था. उनका अपनत्व प्रभावित कर गया.
माहेश्वरी युवकमंडल कैलेेंडर विमोचित
संतमणि सद्गुरु परिवार के मंच से अलकाश्रीजी के हस्ते माहेश्वरी नवयुवक मंडल के वर्ष 2023 के सुंदर, शानदार कैलेंडर का विमोचन किया गया. इस समय वैभव लोहिया के साथ उनकी टीम उपस्थित थी.
मान्यवरों की उपस्थिति
आयोजन संतमणि सद्गुरु परिवार का रहा. मगर अंग्रेजी नववर्ष का पहला दिन होने से अनेक गणमान्य, प्रोफेशनल्स की उपस्थिति रही. उनमें सर्वश्री जगदीश गुप्ता, किशोर गोयनका, मनोज खंडेलवाल, विजय खंडेलवाल, संजय राठी, नवरतन सोमाणी, अशोक राठी, संदीप केला, नारायणदास राठी, घनश्याम बागडी, ओमप्रकाश चांडक, गौरीशंकर हेडा, हुकमीचंद खंडेलवाल, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, संजय गुप्ता, योगेश गुप्ता, मनीष खंडेलवाल, घनश्याम वर्मा, महेश सारडा, राजू उर्फ उमाशंकर रायकवार, डॉ. राठी, हरिलाल सेन, कमल पांडे, रितेश आसोपा, शशि जूनी आदि के साथ संतमणि सद्गुरु परिवार के प्रशंसक और संत श्री सीतारामदास बाबा के भक्तगण चाव से सुंदरकांड पाठ हेतु पधारे थे.
सफलतार्थ अनेक का योगदान
आयोजन को सफल-सार्थक और संस्मरणीय बनाने सर्वश्री नितिन चांडक, रविकिरण डागा, रवि बजाज, दामोदर बजाज, प्रा. जगदीश कलंत्री, नितिन सारडा, पुरुषोत्तम राठी, प्रदीप गांधी, विजय लोहिया, रमण राठी, प्रकाश पनपालिया, गोपाल पनपालिया, सुशील सारडा, सुरेश चांडक, गोविंद मुंधडा, विनोद राठी, रवींद्र बजाज, गोपालदास राठी, ब्रिजबाला चांडक, अनुपमा सारडा, सरला कलंत्री, शोभा बजाज, विजया राठी, मीना गांधी, जयश्री लोहिया, प्रमिला चांडक, शारदा राठी, जयश्री पनपालिया, रेखा पनपालिया, स्नेहल सारडा, शकुंतला मुंधडा, राखी बजाज, प्रीति डागा, सरिता राठी, किरण राठी, संगीता राठी, सरोज चांडक और अन्य ने बडे प्रयत्न किए.
सुंदर व्यवस्था
आयोजन स्थल पर सुंदर, सराहनीय प्रबंध संतमणि सद्गुरु परिवार ने किए थे. जिसके कारण व्यवस्था बनी रही और घंटो लोग आनंद लेते रहे. पाठ पश्चात दीपार्चन में भोजन प्रसादी का प्रबंध किया गया था. जिसका सैकडों भक्तों ने लाभ लिया. संचालन प्रा. जगदीश कलंत्री ने किया.
12 जनवरी से बासी में रामकथा.

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