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मुझसे अधिक मां को था मेरे गोल्ड मेडल जीतने का विश्वास

वह सदा रही मेरी प्रेरणा स्त्रोत

* स्वर्णपदक का सिक्सर लगानेवाली नीकिता देवचे का कहना
* राम मेघे कॉलेज की होनहार छात्रा को एक्सेंचर में है प्लेसमेंट
अमरावती/ दि. 22- स्थानीय राम मेघे तकनीकी संस्थान की होनहार कम्प्यूटर साइंस छात्रा निकिता गोपाल देवचे ने छोटे गांव से आने के बावजूद अपने परिश्रम और मेधा के बलबूते संत गाडगेबाबा अमरावती विश्व विद्यालय में सर्वाधिक 6 स्वर्णपदक जीते. निकिता ने अमरावती मंडल से बातचीत में आरंभ में ही अपनी सफलता का श्रेय मां कल्पना देवचे को दिया. उन्होंने कहा कि मां ने उन्हें कदम- कदम पर प्रोत्साहित किया, मोटीवेट किया. बल्कि मां कल्पना को निकिता के प्रथम आने एवं यूनिवर्सिटी में स्वर्ण पदक जीतने का भी भरोसा स्वयं निकिता से अधिक था. उल्लेखनीय है कि निकिता देवचे का कल अमरावती विवि के 41 वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल राधाकृष्णन के हस्ते सुको के जज न्या. भूषण गवई की उपस्थिति में 6 स्वर्ण पदक देकर गौरव किया जायेगा. उसकी पूर्व संध्या पर अमरावती मंडल ने इस होनहार छात्रा से टेलीफोन इंटरव्यू किया.
* भाई नीरज भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर
निकिता देवचे ने बताया कि परिवार में पिता गोपाल रामभाउ देवचे, मां कल्पना, दादी मां कमला देवचे और भाई नीरज है. नीरज भी कम्प्यूटर इंजीनियर है तथा निजी कंपनी में कार्यरत है. पिता गोपाल देवचे शिक्षा विभाग में कार्यरत है. मूलरूप से खामगांव निवासी निकिता की माताजी कल्पना कक्षा 12 वीं तक शिक्षित है. किंतु आत्म विश्वास से परिपूर्ण गृहणी है. निकिता ने बताया कि माताजी की प्रेरणा से ही उन्होंने भाई समान सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का निश्चय किया. कक्षा 10 वीं और खामगांव शासकीय तंत्र निकेतन से डिप्लोमा सहित प्रत्येक परीक्षा में मां का बडा मोटीवेशन रहने का उल्लेख उन्होंने बारंबार किया.
* अच्छे पर्सेंटाइल, अध्यापकों के बधाई कॉल
निकिता देवचे ने बताया कि फाइनल सेमीस्टर में उन्हें 9.85 पर्सेंटाइल प्राप्त हुए और वे संपूर्ण विश्व विद्यालय में अपने अभ्यासक्रम में अग्रणी रही. उन्हें कॉलेज कैम्पस में ही देश की अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनी एसेंन्चर में प्लेसमेंट प्राप्त हो गई. निश्चित ही प्रो. राम मेघे कॉलेज के सभी अध्यापकगणों का उनकी सफलता में बडा योगदान हैं. विश्व विद्यालय में सर्वाधिक 6 स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर उन्हें अपने गुरूजनों के बधाई काल आए. उन्हें कॉल कर बधाई व शुभकानाएं देनेवालों में सुमेध इंगले, चेतन रावरकर, अंकित मुने, आनंद सर, अकर्ते सर आदि का समावेश रहा. निकिता ने बताया कि इन सभी की बधाई कॉल ने उनकी प्रसन्नता को बढा दिया.
* स्केच बनाने की शौकीन घुमक्कड
निकिता ने बताया कि अभ्यास के समय केवल और केवल स्टडी पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ वे स्केच बनाने का चाव रखती है. उसी प्रकार घूमने फिरने का उन्हें बडा शौक है. हिमाचल प्रदेश के अलावा कोकण एवं उज्जैन सहित कुछ प्रसिध्द देवालयों तीर्थो के दर्शन ेकर चुकी है. अभी भी उन्हें काफी घूमना फिरना है.

* चिडचिड पर मां का सटिक जवाब
निकिता ने बडी सहजता से बताया कि वे परीक्षा काल में बडी हाइपर हो जाती. ऐसे में उनकी माताजी कल्पना देवचे उन्हें भरोसा दिलाती. पर्चा अच्छा होगा. तुम्हारी तैयारी अच्छी हो गई है. इन शब्दों में मां कल्पना देवचे अपनी मेधावी सुपुत्री को कान्फीडन्स दिलाती. उनका आत्मविश्वास सही सिध्द हुआ है. कल उनकी सुपुत्री राज्यपाल के हस्ते गले में 6 गोल्ड मेडल धारण करनेवाली है.

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