अमरावती

मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या हुई

मामले को छुपाने आत्महत्या बता रहे ठेकेदार

उस दिव्यांग मां ने सीपी,जिलाधिकारी से की न्याय की गुहार
अमरावती/दि.13– विगत 7 सितंबर को शहर से सटे लोणटेक में मोर्शी तहसील के घोडदेव निवासी 28 वर्षीय संजय रामदास आहाके ने कुएं में कुद कर आत्महत्या करने का मामला उजागर हुआ था. इस बात से संजय की मां बेबी रामदास आहाके ने इंकार करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं कि बल्कि उसकी सुनियोजित हत्या की गयी है. जिसके लिए बेबी आहाके ने पुलिस आयुक्त व जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए मामले की गहन जांच कर इस घटना में लिप्ट ठेकेदार व के्रन मशीन मालिक पर कार्रवाई करने की मांग की है.
बुधवार की दोपहर जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त को सौंपे निवेदन में बेबी आहाके ने बताया कि 5 सितंबर के दिन सुबह 10 बजे गैर अर्जदार के्रन मशीन मालिक व ठेकेदार लखन बेलोदकर (नारासिंगी ता.नरखेड, नागपुर) तथा संजय का दोस्त सुनिल परतेकी( जुनकारी, ता.मुलताई, जिला बैतुल) ने अमरावती शहर के बाजू में सरकारी काम शुरु होने का बहाना बना कर पर ले जाने के लिए घर पर आए और संजय आहाके को लेकर गए. जब दोनों व्यक्ति घर पर आए तो वे शराब के नशे में थे. जिसके बाद 7 सितंबर को जब वह (बेबी आहाके ) घर पर नहीं थी.उनके पती राम दास आहाके व बेटा सागर आहाके घर पर थे. तब दोनों व्यक्ति ने घोडदेव गांव में उनके घर पर आकर कहा कि तुम्हारे बेटे ने कुएं में कुद कर आत्महत्या कर ली है. जिसके बाद घर के लोगों ने अमरावती जाने के लिए राजाराम वरखडे की मदद ली और घोडदेव के साथ अमरावती के लिए रवाना हुए. जब वे काम करने के स्थान व आत्महत्या करने की जगह पर पहुंचे तब वहां खोलापुरी गेट पुलिस थाने के कर्मचारी मौजुद थे. जिन्होनें बताया कि संजय ने कुएं में कुद कर आत्महत्या की है सिर्फ इतना ही बताया.मगर हमें प्रत्यक्ष रुप से वह देखने को नहीं मिल पाया, क्योंकि हमारे जाने के पूर्व ही मृतक संजय को एम्बुलेंस में डाल दिया गया था. हमारे सामने घटना स्थल का किसी तरह पंचनामा नहीं लिया गया.घटना स्थल का वह कुआं भी हमें दिखाया नहीं गया. इस घटना के संबंध में खोलापुरी गेट पुलिस ने किस तरह की कार्रवाई की है, यह अभी तक उन्हें(बेबी आहाके व परिवार के किसी भी व्यक्ति ) को बताया नहीं गया है. जिला सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद संजय का शव परिवार को सौंप दिया गया.

जहां घोडदेव गांव में 7 सितंबर की शाम उसका अंतिम संस्कार किया गया. लेकिन 5 तारीख को काम पर ले जाने के बाद दो दिनों बाद 7 सितंबर को उसने आत्महत्या क्यों की यह बात परिवार को समझ नहीं आ रही है. क्योंकि मेरे बेटे को तैरना आता था. वह कुएं में कुद कर आत्महत्या नहीं कर सकता, उसकी हत्या हुई है. ऐसा बताते हुए निवेदन में बेबी आहाके ने मांग करते हुए कहा कि इस मामले में गैर अर्जदार ठेकेदार लखन बलोदेकर, संजय के साथ काम करने वाले मित्र सुनिल परतेकी, तथा कुएं का बांधकाम करने वाले सरकारी ठेकेदार अशोक शहाने (मोर्शी) की सिरे से जांच कर उन पर अनुसूचित जाती जमाती प्रतिबंधक कानून के अंतर्गत एट्रोसिटी एक्ट व भारती दंडसहितानुसार कलम 302 के तहत अपराध दर्ज करने की मांग बेबी आहाके ने की है. निवेदन सौंपते समय रामदास आहाके, सागर आहाके, अर्जुन हिवनाते, रोहित जाखडे, प्रा.महेन्द्र कोडापे, कमलेश हिवनाते, आकाश कुंभरे, सुनिल सोलंके, महादेव सोलंके, प्रभुदास चौहान उपस्थित थे.
20 हजार लो मामला दर्ज मत करों-
बेबी आहाके ने निवेदन में बताया कि लोणटेक गांव में जिला परिषद अंतर्गत जलापुर्ती विभाग के कुएं का काम करने वाले सरकारी ठेकेदार अशोक रामचंद्र शहाणे ने हमें 20 हजार रुपये देने की बात कहते हुए कहा कि तुम पुलिस में शिकायत मत करों. सरकारी काम के दौरान बेटे संजय की हत्या करने तथा उसे कुंए में फेंक देने का शक बेबी डहाके ने जताया.

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