मायके से श्री रुक्मिणी माता निकली ससुराल के लिए
श्री रुक्मिणी माता की पालखी पंढरपुर को मार्गस्थ
* पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकूर के हाथों पूजन
* पालखी के स्वागत हेतु शहर में 6 जून को कार्यक्रम का आयोजन
श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर/दि.4– विदर्भ की 427 वर्षों की प्राचीन परंपरा रहने वाली श्री रुक्मिणी माता की पालखी श्रीक्षेत्र कौंडण्यपुर से श्री क्षेत्र पंढरपुर के लिए रवाना हुई है. राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिले की पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकूर ने श्री रुक्मिणी माता की पालखी कंधे पर रख पंढरपुर की दिशा में मार्गस्थ की.
पालखी का घोड़ा, सिर पर तुलसी वृंदावन लेकर सहभागी हुए वारकरी बहनें सुशोभित रथ, टाल-मृदंग के निनाद, ज्ञानबा तुकाराम का जय घोष ऐसे उत्साहपूर्ण व भक्तिमय वातावरण में पालखी ने मार्गक्रमण शुरु किया. इस समय भक्तिमय अभंगवाणी व टाल मृदंग के साथ से आसमान गूंजायमान हो उठा था. कोविड संसर्ग के कारण विगत दो वर्षों का निबर्ंंध समाप्त होने के बाद खुले वातावरण में पालखी निकलने से वारकरी बंधुओं में उत्साह का वातावरण था.
पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकूर के हाथों शुरुआत में पालखी का पूजन किया गया. पालकमंत्री ने श्री विठ्ठल व श्री रुक्मिणी माता के दर्शन किए. पश्चात पालकमंत्री ने भक्त बहनों के साथ फुगड़ी खेली व पालखी कंधे पर लेकर पंढरी की दिशा में मार्गस्थ की. श्री कौंडण्यपुर की पालखी को बड़ी परंपरा है. दो वर्ष पश्चात पैदल वारी निकलने से काफी उत्साह है रुक्मिणी माता मायके से ससुराल के लिए निकली है, राज्य में इस बार सभी ओर अच्छी बारिश हो, धनधान्य की फसलें हो, बलीराजा समृद्ध होने दे, सभी का स्वास्थ्य सुदृढ़ रहे, ऐसी प्रार्थना इस समय पालकमंत्री ने की.
पालखी के स्वागत के लिए अमरावती में 6 जून को कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस समय तीन रुग्णवाहिकाओं का लोकार्पण किया जाएगा. इनमें से एक रुग्णवाहिका पालखी के साथ जाएगी. डॉक्टर सहित सभी उपचार सुविधा इसमें उपलब्ध रहेगी. पालखी के साथ पानी के टैंकर का भी नियोजन करने बाबत जिला प्रशासन को निर्देश दिए जाने की जानकारी पालकमंत्री ठाकूर ने इस समय दी. ओइस अवसर पर ह.भ.प.संजय महाराज ठाकरे, ह.भ.प. नामदेवराव अंबाडकर, ह.भ.प.वसंतराव डाये सहित अनेक मान्यवर व भक्तगण उपस्थित थे.