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सभी के प्रयत्नों से नैक ए श्रेणी

लाहोटी महाविद्यालय के प्राचार्य भांगडिया का कहना

* अमरावती मंडल से विशेष बातचीत
* सभी ओर से आ रहे बधाई संदेश
* प्रबंधन के मार्गदर्शन का खास उल्लेख
अमरावती/दि.12 – शहर की प्रतिष्ठित केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रमाणन संस्थान (नैक) की ए श्रेणी प्राप्त होने के लिए प्राचार्य विजयकुमार भांगडिया को कल शाम से ही बधाई संदेश मिल रहे हैं. पिछले 15 वर्षों से प्राचार्य भांगडिया ने इस महाविद्यालय की कायापलट कर दी. भांगडिया सर ने अमरावती मंडल से आज दोपहर बातचीत की और सभी के प्रयासों को नैक की ए श्रेणी का श्रेय दिया. सर ने कहा कि, प्रबंधन से मेरा मार्गदर्शन और सहयोग बडा उपयोगी रहा. ऐसे ही कॉलेज के एक-एक व्यक्ति और कर्मचारी तथा सभी विद्यार्थियों की बदौलत यह नामांकन प्राप्त हुआ है.
* सभी मापदंडों पर खरे
प्राचार्य भांगडिया ने बताया कि, महाविद्यालय में उपलब्ध अभ्यासक्रम, स्टॉफ, अधोसंरचना, शोध क्षेत्र और प्रबंधों को मूल्यांकन दल परखता है. 1960 में स्थापित के. ला. महाविद्यालय में आज की घडी में 16 अभ्यासक्रम की पढाई हो रही है. 35 प्राध्यापक यहां है. इनमें से 32 डॉक्टरेट प्राप्त है. उसी प्रकार पीएचडी के 30 मार्गदर्शन हैं. 11 विषयों में शोध प्रबंध का इंतजाम है. वरिष्ठ महाविद्यालय में कुल विद्यार्थियों की संख्या 3621 हैं. नैक के मुख्य रुप से सात मापदंड रहते है. उन सभी पर महाविद्यालय ने खरा उतरने का प्रयत्न किया.
* 30 अंकों के लिए आयी कमिटी
नैक की मान्यता के लिए प्राचार्य भांगडिया ने कॉलेज की तरफ से निर्धारित स्वरुप में ऑनलाइन आवेदन किया. महाविद्यालय की व्यवस्था और शैक्षणिक, सांस्कृतिक, क्रीडा क्षेत्र की उपलब्धियों की आधार पर 70 अंकों हेतु जानकारी तथा कागजात प्रस्तुत किये गये. उपरान्त अगले चरण में नैक का विशेष दल प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए महाविद्यालय में पधारा. इस दल में जैन विश्व भारती विश्व विद्यालय के उपकुलपति डॉ. बी. आर. दुगड, मिजोरम विवि के हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. संजयकुमार, मेरट महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एन. पी. सिंह का समावेश था. दल ने 2 दिनों तक महाविद्यालय के विभिन्न विभागों का अवलोकन किया. सभी बातों का निरीक्षण-परीक्षण करने के साथ विद्यार्थियों से भी संवाद किया. नैक के मापदंड बहुत कडे रहते हैं.
* प्राचार्य की 2 घंटा क्लास
नैक के विशेषज्ञ दल ने आते ही प्राचार्य के कक्ष में उनसे लगभग 2 घंटे तक विविध विषयों के बारे में जानकारी ली. महाविद्यालय की एक-एक चीज और सुविधा को परखा. प्राचार्य भांगडिया ने बताया कि, आई.क्यू.ए.सी. के संयोजक डॉ. महेंद्र छांगानी रहे. विशेषज्ञ के दल ने महाविद्यालय के कमरों, प्रयोगशालाओं और विभिन्न विभागों का स्वयं अवलोकन करने के पश्चात बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट संयोजक डॉ. छांगानी को सौंपी. नैक का निर्णय आने के पश्चात ही यह लिफाफा खोला जाता है.
* सभी का योगदान फलीभूत
डॉ. भांगडिया ने बताया कि, महाविद्यालय के डॉ. जमील, डॉ. गवई, डॉ. तीर्थराज राय, डॉ. मोदानी, डॉ. सोनल चांडक, डॉ. ढवले, डॉ. ढोबले, डॉ. वाडेकर और समिति संयोजक डॉ. महेंद्र छांगानी सहित पूरी टीम व स्टाफ का सहयोग रहा है. ऐसे ही संस्था अध्यक्ष वसंतबाबू मालपानी, सचिव डॉ. गोविंद लाहोटी, उपाध्यक्ष जुगलकिशोर गट्टाणी, कोषाध्यक्ष प्रकाश हेडा, सहसचिव मोहन कलंत्री, ओमप्रकाश लढ्ढा आदि का मार्गदर्शन और सहयोग नैक ए श्रेणी के लिए बडा उपयोगी रहने की बात भी प्राचार्य ने कहीं. भांगडिया सर ने संस्था की अद्यतन ऑडिट रिपोर्ट और कैशबुक अपडेट रखने का भी उल्लेख किया और नॉन टीचिंग के मनमोहन जाजू का नाम विशेष रुप से जिक्र किया.

* समाजसेवा के लिए भी मिले अंक
राष्ट्रीय मूल्यांकन आयोग ने लाहोटी महाविद्यालय को समाज सेवा और खेल क्षेत्र के बढीया योगदान हेतु सराहा. कॉलेज के ए मानांकन में किसानों के लिए हर वर्ष करवा जी की स्मृति में व्याख्यान आयोजित करने, रक्तदान शिविर, 20 केवी की सोलर यूनिट, रासेयो के गांवों में किये गये कामों, दोनों प्रकार के वेस्ट का भली प्रकार निपटारा तथा जैविक खाद के प्रकल्प का भी योगदान है.

* 100 कलर कोट, अनेक विद्यार्थी देश के लिए खेल रहे
महाविद्यालय को इससे पहले भी नैक का नामांकन प्राप्त हुआ है. प्राचार्य भांगडिया ने बताया कि, वर्तमान में 100 विद्यार्थियों को कलर कोट प्राप्त है. 17 विद्यार्थी देश के लिए खेल रहे है. अनेक चैम्पियनशीप जीती है. बता दें कि, 2007 में लाहोटी महाविद्यालय के भांगडिया सर द्बार प्राचार्य का दायित्व स्वीकारने पश्चात मीटीयोरिक राइस हुआ है. अर्थात संस्था का ग्राफ तेजी से बढा है.

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