विद्यापीठ व महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन लंबा टलने के आसार
कोरोना संक्रमण का परिणाम, यूजीसी के निर्देशों की अनदेखी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३ – विद्यापीठ अनुदान आयोग द्वारा विद्यापीठ एवं महाविद्यालयोें के लिए नैक का मूल्यांकन अनिवार्य किया गया है. लेकिन कोरोना की वजह से इस समय लगातार संचारबंदी और लॉकडाउन शुरू है. ऐसे में जहां एक ओर विद्यापीठ सहित सभी महाविद्यालयों के कामकाज प्रभावित हुए है. वहीं दूसरी ओर इसका नैक के मूल्यांकन पर भी परिणाम पड सकता है.
विद्यापीठ अनुदान आयोग द्वारा 29 जनवरी 2021 को जारी किये गये पत्रानुसार उच्च शिक्षा संस्थाओें का राष्ट्रीय मूल्यांकन व अधिस्विकृति परिषद (नैक) द्वारा विद्यार्थी व शैक्षणिक उपक्रम हेतु मुलभुत सुविधाओें की जांच करना अनिवार्य किया गया है. महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थाओं द्वारा नैक का मूल्यांकन नहीं करवाने पर ऐसी संस्थाओं का अनुदान बंद करने को लेकर यूजीसी द्वारा स्पष्ट संकेत दिये गये है. किंतु इस समय अमरावती विभाग में लॉकडाउन व संचारबंदी जारी है तथा सभी महाविद्यालय बंद पडे है. जिसकी वजह से नियमित कामकाज प्रभावित हुआ है. ऐसे में नैक मूल्यांकन की तैयारी कैसे की जाये, इस सवाल से विद्यापीठ व संबंधित महाविद्यालय जूझ रहे है.
बता दें कि, संगाबा अमरावती विवि का नैक मूल्यांकन मई माह में होना है. जिसे लेकर यूजीसी द्वारा आवश्यक निर्देश दिये गये है. किंतु पिछले वर्ष के मार्च माह से लेकर अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से शिक्षा क्षेत्र की जबर्दस्त हानी हुई है और परीक्षा प्रवेश प्रक्रिया व परिणाम से संबंधित कामकाज बुरी तरी से प्रभावित हुए है. संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत 152 ेअनुदानित महाविद्यालयों में से 33 महाविद्यालयों में अब तक नैक का मूल्यांकन नहीं किया. विगत 15 फरवरी से सभी महाविद्यालय शुरू होनेवाले थे. लेकिन इसी दौरान कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर पांव पसारना शुरू कर दिया. जिसके चलते फरवरी माह के अंत में लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गयी. ऐसे में विद्यापीठ व महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन की पूर्व तैयारी करने में कई तकलीफों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर यूजीसी द्वारा पत्र जारी किया गया है कि यदि नैक मूल्यांकन नहीं होता है, तो संबंधित महाविद्यालयों को अनुदान नहीं दिया जायेगा. ऐसे में विद्यापीठ तथा महाविद्यालय की समस्याएं बढती नजर आ रही है.
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संस्था चालक हैं हैरान-परेशान
बीते वर्ष के मार्च माह से कोरोना संक्रमण की वजह से सभी महाविद्यालय बंद है. इस दौरान यद्यपि ऑनलाईन पढाई चल रही है, लेकिन इसका विद्यार्थियों को कोई खास फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा. साथ ही महाविद्यालयों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प है. ऐसे हालात में नैक मूल्यांकन की तैयारियां करने को लेकर महाविद्यालयों के संस्था चालक काफी हैरान-परेशान है.
बिना अनुदानित महाविद्यालयोें के नैक मूल्यांकन की जवाबदारी विद्यापीठ की है. अनुदानित महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन हेतु पत्रव्यवहार शुरू है. इस समय कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति काफी बिकट है और इसका सीधा परिणाम नैक पर भी पडेगा, ऐसा कहा जा सकता है.
– केशव तुपे
सहसंचालक, उच्च शिक्षा विभाग