अमरावती

20 अगस्त को नागरी सत्कार निमित्त

डॉ. अनिल सावरकर एक ध्येयवादी व्यक्तित्व

अमरावती-/ दि.17  “आरोग्यं परमं भाग्यं स्वाथ। सर्वार्थ साधनम्॥”
अपने जीवन में अनेक व्यक्ति मिलते हैं. कुछ विधायक तो कुछ विघातक प्रवृत्ति के! सत्प्रवृत्ति के व्यक्ति का विधायक सत्कार्य यह हमेशा के लिए दिल में घर कर लेता है. इनमें डॉ. अनिल सावरकर का स्थान प्रथम है.
‘खरा तो एकचि धर्म। जगाला प्रेम अर्पावे।’ इस पूज्य साने गुरुजी के व संत श्री अच्युत महाराज के मानवतावादी आध्यात्मिक विचारों से ही प्रेरणा लेकर गत चार तप से सामाजिक सेवा कार्य में व मरीजों के जीवन में आनंद निर्माण करने के लिए डॉ. अनिल सावरकर ने स्वयं को झोंक दिया. गुरु माऊली के मार्गदर्शन व प्रेरणा से सन 1987 में पू. साने गुरुजी मानव सेवा संघ की स्थापना की. जिसके अंतर्गत 12,500 हृदय मरीजों को मुंबई के के.ई.एम. हॉस्पीटल में जनचंदे से वैद्यकीय सेवा उपलब्ध करवाई. ऐसी ही सेवा मरीजों के लिए अमरावती में भी उपलब्ध करवाई जाये, इस उद्देश्य से व प्रेरणा से उन्होंने 1998 में संत अच्युत महाराज के जनचंदे से जमा हुई 65 लाख रुपए की निधि से अमरावती के मार्डी रोड में संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पीटल का भूमिपूजन किया व सन 2006 तक हॉस्पीटल पूर्ण किया. उसी वर्ष आषाढ़ी एकादशी को वहां पहली हृदय रोग शस्त्रक्रिया सफल हुई. आज इस हॉस्पीटल में हर महीने 50 ओपन हार्ट बायपास सर्जरी, 350 एंजीओग्राफी व 250 एंजीओप्लास्टी होती है. आज तक करीबन 32 हजार कारडीएक प्रोसेस इस हॉस्पीटल से पूर्ण हुई है. हृदय रुग्णों के बढ़ते विश्वास के कारण इस हॉस्पीटल ने ऑपरेशन थिएटर्स व दो कॅथ लैब सहित 200 बेड का हॉस्पीटल पूर्णत्व करने का संकल्प किया है.
तिवसा तहसील के शेंदुरजना बाजार के मूल निवासी डॉ.अनिल सावरकर ने नागपुर के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय से एमबीबीएस व डीजीओ पूर्ण करने के पश्चात 1983 से 1987 तक अमरावती के डफरीन अस्पताल में मेडीकल ऑफीसर पद की जिम्मेदारी संभाली. इस दरमियान उन्होंने मुंबई के के.ई.एम व वाडिया हॉस्पीटल से लेप्रोस्कोपी व अल्ट्रासोनोग्राफी का ट्रेनिंग पूर्ण किया व अमरावती में ट्युबल लेप्रोस्कोपिक सर्जन के रुप में सेवा दी. उपरोक्त कालावधि में उन्होंने करीबन 17000 ऑपरेशन किए व एक ही दिन में 95 ऑपरेशन करने का उच्चांक भी दर्ज किया. सन 1991 में परिवार नियोजन के राष्ट्रीय कार्य में उल्लेखनीय योगदान देने निमित्त शासन ने राज्यस्तरीय पुरस्कार देकर उनका गौरव किया.
वं. संत श्री अच्युत महाराज को भडाग्नि देने का सम्मान डॉ. अनिल सावरकर को मिलने के कारण सही मायने में वे गुरु माऊली के मानसपुत्र साबित होते हैं.
डॉ. अनिल सावरकर ने सन 1985 में आध्यात्मिक व रचनात्मक कार्य करने वाले सहयोगियों को साथ में लेकर श्रीक्षेत्र शेंदुरजना बाजार में संत अच्युत महाराज संस्थान की स्थापना की. इसके लिए स्वयं की दो एकड़ जमीन दान देकर उस पर स्वखर्च से संत निवास यह वास्तु बनाई है. जहां पर धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संस्कार शिविर का आयोजन किया जाता है. वहां पर हजारों मरीजों को निःशुल्क वैद्यकीय सेवा दी. उन्होंने वैद्यकीय पेशे को जीवन संगिणी मानकर मरीजों को जीवन में अखंडित रुप से ओआनंद का क्षण देने के लिए स्वयं को झोंक दिया.
डॉ. अनिल सावरकर ने 2013 में अमरावती मेें सभी सुविधा युक्त पहला टेस्ट ट्युब बेबी व एडवान्स्ड इनफर्टीलीटी सेंटर शुरु किया. दुर्बल, गरीब जनता को हृदयरोग व जन्मजात हृदय रोग से मुक्ति मिले व वे निःशुल्क- माफक दर में संपूर्ण उपचार ले सके, इस उद्देश्य से चेरिेटेबल ट्रस्ट के माध्यम से सेवा देने वाले श्री संत अच्युत महाराज हार्ट हॉस्पीटल व रिसर्च इन्स्टिट्युट यह एकमात्र हार्ट हॉस्पिटल है.
डॉ. अनिल सावरकर ने स्वयं को विशिष्ट जाति-धर्म-पंथ-पक्ष इस सीमित संकल्पना में बंदिस्त नहीं रखा. राष्ट्रपिता जोतिराव फुले के विचारों के अनुसार समाज प्रबोधन पर कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर, पशु चिकित्सा शिविर, अंधश्रद्धा निर्मूलन, वृक्षारोपण, हृदय रोग जांच शिविर, देहदान-अवयवदान संकल्प शिविर, रक्तदान शिविर सहित अन्य समाजोपयोगी विविध रचनात्मक उपक्रमों का सभी स्तर पर लगातार आयोजन करते हैं.
बहुजन समाज के एक …. डॉक्टर ने सेवाभावी व मानवतावादी विचारों से शुरु की गई रुग्णसेवा के प्रवास में रुकावटें- गतिरोध निर्माण नहीं हुआ. ऐसा नहीं? लेकिन संत अच्युत महाराज की कृपादृष्टि, उनके आध्यात्मिक सद्विचारों की देन व सदाचारी वर्तन एवं प्रामाणिक प्रयत्नों के कारण अनेक सेवाभावियों का साथ मिलते गया और डॉ. अनिल सावरकर के सेवा कार्यों के बिजांकुर का अनेक मरीजों को आधार व जीवनदान देने वाला वटवृक्ष में कब रुपांतर हुआ, यह समझ में ही नहीं आया. उनके ललामभूत व प्रेरणादायी कार्यों के फल के रुप में महाराष्ट्र स्तर पर संत सावता महाराज समाजभूषण पुरस्कार-2022 से उन्हें सम्मानित किया गया.
डॉ. अनिल सावरकर के विधायक कार्यों से युवा पीढ़ी ने प्रेरणा लेनी चाहिए, इसलिए उनके नागरी सत्कार का आयोजन! मानवता के पुजारी डॉ. अनिल सावरकर को रुग्णसेवा के विधायक कार्यों के लिए ईश्वर दीर्घायु प्रदान करें, यहीं प्रार्थना!
फोटो-
प्रा. श्रीकृष्ण बनसोड, समाजभूषण
किशोर नगर, अमरावती. मो. 9763403748

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