नागपुर हाईकोर्ट ने उषा गडपाल को दी राहत
फर्जीवाडा मामले में गिरफ्तारी पूर्व अग्रीम जमानत मंजूर
अमरावती/दि.24 – स्थानीय फ्रेजरपुरा थाने में अशोक तायडे नामक सेवानिवृत्त व्यक्ति के साथ फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक मृत व्यक्ति की जमीन की विक्री का प्रयास करने के मामले में नामजद उषा राजेंद्र गडपाल नामक महिला को नागपुर हाईकोर्ट ने गिरफ्तारीपूर्व अग्रीम जमानत देना मंजूर किया है. इस मामले में महिला आरोपी की ओर से एड. जेमिनी कासट ने नागपुर हाईकोर्ट मेें पैरवी की.
जानकारी के मुताबिक उषा गडपाल सहित गीता यादव व मिलिंद खाडे नामक तीन लोगों ने अशोक तायडे को बबई यादव नामक व्यक्ति की जमीन का सातबारा दस्तावेज दिखाते हुए जमीन बेचने की बात कही और 28 लाख रुपए में सौदा तय करते हुए 10 लाख रुपए का बयाना भी लिया. जिसके बाद 8 मई 2022 को खरीदी करने की बात तय करते हुए अशोक तायडे को दस्त पंजीयन व मुद्रांक शुल्क कार्यालय बुलाया गया. जहां पर तीनों लोगों ने एक व्यक्ति को बबई यादव के तौर पर प्रस्तूत करते हुए उसके आधार कार्ड व अन्य पहचानपत्र भी पेश किए. लेकिन इसे लेकर संदेह होने पर निबंधक ने जब दस्तावेजों की पडताल की, तो पता चला कि, बबई यादव नामक व्यक्ति की 15 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है और उसके नाम पर किसी अन्य व्यक्ति को खडा करते हुए बबई यादव की जमीन को बेचने का प्रयास हो रहा है. यह बात उजागर होते ही चारों आरोपी मौके से भाग गए. जिसके बाद उपनिबंधक द्बारा इस मामले को लेकर फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके आधार पर पुलिस ने उषा गडपाल, गिता यादव, मिलिंद खाडे तथा बबई यादव बनकर पेश होने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 465, 466, 468, 471, 419 व 420 के तहत अपराध दर्ज किया था. जिसके बाद उषा गडपाल ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिलने हेतु सत्र न्यायालय में आवेदन किया था. जिसे स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया था. ऐसे में उषा गडपाल ने एड. जेमिनी कासट के जरिए नागपुर हाईकोर्ट में अग्रीम जमानत मिलने हेतु गुहार लगाई थी. जहां पर न्या. चांदवाणी की अदालत ने उषा गडपाल को गिरफ्तारी पूर्व जमानत देना मंजूर किया.