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गीता जिज्ञासु परीक्षा में नमन कलंत्री को शत-प्रतिशत अंक

अमरावती/दि.5-बालमन संस्कारित बने और धर्म को समझे इस दृष्टिकोण से गीता परिवार के संस्थापक स्वामी गोविंददेव गिरिजी के तत्वावधान में स्थापित गीता परिवार द्वारा गीता पठन एव परीक्षा का आयोजन किया जाता है. चार शृंखला में होने वाले इस अध्ययन के पहले चरण की परीक्षा गीता जिज्ञासु है इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने हेतु श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 12, 15 एव 16 के 64 श्लोक मुखाग्र करने होते है. नमन कलंत्री ने श्लोक पठन कर परीक्षा में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए. नमन कलंत्री की उम्र मात्र 6 वर्ष रहने से उसके लिए श्लोक पठन करना कठिन था. उसने अपनी मां विजयालक्ष्मी कलंत्री के मार्गदर्शन में श्लोक पठन कर आत्मसात किये और गीता परिवार द्वारा आयोजित परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए प्रथम स्थान अर्जित किया. नमन के बडे भाई देवांश मात्र 9 वर्ष की उम्र में गीताव्रती बने एवं उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मनित किया गया. नमन कलंत्री कृषी मंडी के व्यवसायी रोहन उर्फ आनंद कलंत्री एवं माता विजयालक्ष्मी के पुत्र तथा अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स अँड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद कलंत्री एवं रेखा कलंत्री के पौत्र है तथा परतवाड़ा के व्यवसायी राजेंद्र एव शुभांगी चांडक के नाती है. कुंजन हिमांशु वेद द्वारा संचालित मधुरम स्कूल के विद्यार्थी नमन की इस उपलब्धि के लिए उनपर अभिनंदन का वर्षाव हो रहा है.

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