अमरावती

नांदगांवपेठ वासियोें ने निकाला कलेेक्ट्रेट तक पैदल मार्च

हाईवे से सटी जगह मांगी जिलाधीश से

* कडी ध्ाूप में भी सैकडों काशीनाथ बाबा भक्तों का सहभाग
नांदगांवपेठ/दि.3– श्रीक्षेत्र नांदगांवपेठ के सैकडों लोगों ने आज दोपहर कडी धूप के बावजूद गांव से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाल संत काशीनाथ बाबा भक्त निवास और भवन के लिए हाईवे से सटी नाफडे पेट्रोल पंप के पास की जगह आवंटित करने की मांग की. यह नांदगांव पेठ भाग 2 अंतर्गत शेत सर्वे नंबर 488 की जगह है. इन लोगों का कहना है कि, ग्राम पंचायत ने काफी पहले इस बारे में प्रस्ताव पारित कर रखा है. यह जगह भक्त निवास हेतु देने की मांग बाबा भक्तों ने की और कहा कि खेल संकुल के लिए बसस्टैंड के पास पॉवर हाउस की जगह दी जाए, ताकि जिला परिषद शाला, गोसावी आश्रम शाला और पुसतकर कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए वह सुविधाजनक हो.
पैदल दिल्ली मोर्चा सुबह 8 बजे गांव से निकला था. जिसमें बडी संख्या में स्त्री-पुरुष और बाल गोपाल भी थे. रास्ते में अनेक जगहों पर पानी, शरबत आदि का प्रबंध किया गया. पैदल मार्च में सर्वश्री नितिन हटवार, बालासाहब देशमुख, ओमप्रकाश तायडे, दिगंबर आमले, सुनंदा केचे, संजय चौधरी, मंदा कापडे, विभा देशमुख, आशा चंदेल, वृषाली इंगले, वंदना भटकर, ज्योती कुकडे, श्रीधरराव राउत, किशोर नागापुरे, जगदीश इंगोले, बलबीरसिंह चौहान, अंबादास दुधे, शालिग्राम महाराज खेडकर, जर्नादनपंत केचे, रामराव दादा पोहनकर, राजेश बोडखे, मोरेश्वर इंगले, भाउराव कापडे, दीनकर सुंंदरकर, शशि बैस, गजानन तिजारे, किशोर राउत, संतोषसिंह गहरवार, राजू चिरडे, चंद्रकांत कडू, प्रल्हाद इखार, विपुल पालिवाल, संगीत यावले, गजानन भगत, गणेश सोनोने, वीजू राउत, संतोष शेंदरकर, बाल्या शेंदरकर, उमेश डोईफोडे, ओमप्रकाश काकाणी सहित ग्रामीणों का सहभाग रहा.
इन लोगों ने जिलाधीश को निवेदन दिया. उनका कहना रहा कि, नांदगांव पेठ धार्मिक रुप से जिले में सुपरिचित है. पूरे वर्ष यहां विविध धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है. उसी प्रकार संत काशीनाथ बाबा के भक्तों की संख्या दिनोंदिन बढ रही है. पुण्यतिथि महोत्सव का स्वरुप भी लगातार वृहद हो रहा है. बाहरगांव से हजारों भक्त आते है. महाप्रसाद में तो, भाविकों की संख्या लाखो को पार कर जाती है. इसलिए गांव के ग्रामपंचायत का प्रागण छोटा पड रहा है. इसलिए सभी नादगांवपेठ वाासियों के अनुरोध पर उपरोक्त जगह दी जाए. मांग करने वालों में अधिकांश जिला परिषद और ग्रामपंचायत के पूर्व पदाधिकारी ह

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