नारायणा विद्यालयम का वार्षिकोत्सव शानदार
अध्यक्ष पंडित अग्निहोत्री और सीपी रेड्डी, कुलसचिव असनारे की उपस्थिति
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* पर्यावरण रक्षा और देशज संस्कृति का दर्शन
अमरावती /दि.27– अग्निहोत्री ग्रुप ऑफ इंन्स्टिट्यूट, नारायणा एज्यूकेशन सोसायटी संचालित नारायणा विद्यालयम अमरावती का वार्षिकोत्सव हाल ही में बडे ही उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ. संस्था अध्यक्ष पं. शंकरप्रसाद अग्निहोत्री, सचिव सचिन अग्निहोत्री, निदेशक रोशन ढोरे, अमरावती विद्यापीठ कुलसचिव प्रा. अविनाश असनारे, सीपी नवीनचंद्र रेड्डी प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे. उसी प्रकार चिंचभुवन नागपुर की मुख्याध्यापिका रेखा नायर, उपजिलाधिकारी श्याम म्हस्के, मुख्याध्यापिका शांति मेनन, प्राचार्य श्रीमती पदमा येनकर भी मंचासीन थी.
कार्यक्रम में पर्यावरण जतन और देशज संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, नाट्य प्रस्तुत किये गये. बच्चों की प्रस्तुति से उपस्थित मान्यवर अभिभूत हो गये थे. ‘भारत एक खोज, मोन तारे, छाप तिलक, कांतारा, अरजिया, बिहू, धनगर’ नृत्य का समावेश रहा. महाराष्ट्र की संत परंपरा को दर्शाने वाले नृत्य प्रस्तुत किये गये. उसी प्रकार विविध वाद्य भी विद्यार्थियों ने बजाकर अपनी कला का सुंदर प्रदर्शन किया.
पंडित अग्निहोत्री ने अपने संबोधन में पालकों और विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण संदेश दिया. उन्होंने कहा कि, विद्यार्थियों में केवल अभ्यास ही नहीं तो नैतिक मूल्य, बडो का आदर, सामाजिक कर्तव्य और नई बातों को सीखने की उत्सुकता होनी चाहिए. शिक्षा के साथ ही पर्यावरण को भी महत्व देना चाहिए. अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी कर्तव्य महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि, अध्यापकों की नजर सदैव विद्यार्थियों पर होनी चाहिए. उन्हें बेहतर इंसान बनाने की जिम्मेदारी सभी की है. नारायण विद्यालयम के प्रधानाचार्य सचिन भेलकर के गत 12 वर्षों से किये गये प्रयत्नों और परिश्रम का भी पंडित अग्निहोत्री ने उल्लेख किया. इस समय विद्यालय के वार्षिकांक ‘ब्लासम’ का विमोचन किया गया. उपप्राचार्य पूनम वानखडे ने संपूर्ण अहवाल प्रस्तुत किया. संचालन आनंद मंगरुलकर और कश्मीरी कपूर ने किया. उपरान्त 1857 के विद्रोह पर आधारित रोंगटे खडा कर देने वाला जोरदार नाट्य प्रस्तुत किया गया. आभार प्रदर्शन पूनम वानखडे ने किया.