अमरावती

राष्ट्रसंत नम्रमुनि महाराज साहब के 51 वें अवतरण अवसर पर मनाया मनाया महा मानवता महोत्सव

शरीर का जन्मोत्सव नहीं समझ का जन्मोत्सव मनाएं - नम्रमुनि महाराज साहब

अमरावती/प्रतिनिधि ३० – राख होेने वाले इस शरीर के जन्मोत्सव को अनेक बार मनाने के बाद अब समझ का जन्मोेत्सव मनाकर जीवन सार्थक कर लेने की प्रेरणा का पथ प्रदर्शित किया गया. राष्ट्रसंत परम गुरुदेव श्री नम्रमुनि महाराज साहेब का 51 वें अवतरण अवसर पर मनाया गया महा मानवता महोत्सव.
राष्ट्रसंत परम गुरुदेव के श्री चरणों में अवतरण दिन की शुभकामनाएं, वंदना, अभिवंदना एवं भक्तिभाव की अर्पणता करने अत्यंत उत्साह भाव से प्रत्यक्ष और लाइव के माध्यम से समग्र भारत के कोने-कोने से एवं अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया,लंदन, अफ्रीका,स्वीडन, सिंगापुर, दुबई, अबुधाबी,मलेशिया,सुदान,कोंगो,युगांडा,नैरोबी आदि विदेश के अनेक क्षेत्रों से हजारों भाविकों ने जुड़कर परम गुरुदेव के अवतरण दिन का स्वागत किया. प्रत्यक्ष व परोक्ष उपस्थित हर एक भाविक भक्त भरे हृदय की अलौकिक दिव्य तरंगों से भावित होकर लयलीन बन गए, जब देवाधिदेव तीर्थंकर परमात्मा पार्श्व प्रभु की उत्कृष्ट स्तुति स्वरुप महा प्रभावक श्री उवसग्गहरं स्त्रोत की संकल्प सिद्धिदायिनी जप साधना परम गुुरुवेद के नाभिनाद से प्रगट हो रहे दिव्य मंत्रोच्चार के साथ ब्रह्म स्वर में कराई गई. क्रमबद्ध 3 चरण में विशिष्ट मुद्रा और लयबद्ध स्वरुप से कराई गई यह जप साधना अनेक भाविकों की आत्मा को प्रभु प्रेम से तरबतर कर गई.
प्रभु शक्ति की यह साधना के साथ ही इस अवसर पर परम गुरुदेव ने जीवन की वास्ततविकता का बोध कराते हुए परम वचनों को प्रगट करते हुए फरमाया कि राख होने वाले इस शरीर का जन्मोत्सव हमने अनेक बार मनाया परन्तु वास्तविक मजा तो समझ का जन्मोत्सव मनाने में है. शरीर के विकास का उत्सव नहीं, परन्तु समझ के विकास का उत्सव मनाए.
इस अवसर पर गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने परम गुरुदेव के व्दारा हो रही मानवता जीवदया के कार्यों के प्रति अहोभाव प्रगट कर शुभेच्छा अर्पण की. इसके साथ ही इस अवसर पर परषोत्तम रुपाला ने भी परम गुुरुदेव को सौराष्ट्र के रत्न के रुप में बताकर शुभेच्छा अर्पण की. इस अवसर पर समग्र गोंडल संप्रदाय के प्रवीणभाई कोठारी ने भी गुरुदेव के मानवता और सेवा के कार्यों की प्रशस्ती कर उनके दीर्घायुष्य की शुभेच्छा वंदना अर्पण की. आगामी चातुर्मास में गोंडल पधारने की पूरी कार्यकारिणी के साथ विंती व्यक्त की. इस अवसर पर राजकोट रॉयल पार्क संघ के प्रमुख चंद्रकांतभाई शेठ ने परम गुुरुदेव के व्दारा समग्र विश्व में विलक्षण विचारधारा के साथ हो रहे सेवा कार्यों की प्रशस्ति कर परम गुरुदेव जैसे संत की प्राप्ति के प्रति स्वयं को सद् भागी बताया. जब उपस्थित जन-जन के हृदय हर्ष का जयनाद कर उठे, राजकोट के लाभार्थी कांतिभाई लाधाभाई सेठ परिवार व्दारा परम गुरुदेव को अत्यंत अहोभाव से शाल अर्पण की गई. कुंजनबेन मुलराजभाई छेड़ा की शुभ भावना के साथ ही इस अवसर पर मूक बधिर भाविक व्दारा श्री उवसग्गहरं स्त्रोत की विशेष रुप से प्रस्तुति करते ही सभी केक हृदय स्पंदित हो गए.
महा मानवता महोत्सव के अवसर पर घाटकोपर के उर्वीशभाई वोरा की ओर से 2.5 करोड़ रुपए जरुरतमंद गरीब स्थानकवासी जैन भाविकों को इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए अर्पण करते ही सर्वत्र हर्ष हर्ष का जयनाद गूंज उठा.
इस अवसर पर परम साधना और परम प्रेरणा एवं आभामंडल पुस्तिका का विमोेचन अजयभाई शेठ, रमेशभाई मोरबिया, किरीटभाई मेहता, गिरीशभाई, मनसुखभाई कोठारी आदि ने किया. श्री उवसग्गरहरं स्त्रोत मंगल कलश का लाभ कच्छ के एसपीएम परिवार,अहमदाबाद के जतिनभाई एवं आशीषभाई मेहता ने, अजमेरा परिवार, छाबड़िया परिवार, भायाणी परिवार ने लिया. इस अवसर पर नटूदादा सेठ परिवार व किरीटभाई मेहता परिवार ने 51 किलो लड्डू का लाभ लिया. सभी के प्यारे ऐसे परिकल्पित पात्र सिद्धम के द्वारा व विविध प्रांतीय भाषा में आरोग्गं बोहिलाभं की भावना से 50 बच्चों व्दारा परम गुरुदेव को स्वास्थ्य की दी गई शुभकामना सर्वत्र आनंद का प्रसार कर गई.
विगत सात दिनों मेें अर्हम युवा सेवा ग्रुप व्दारा देश व विदेश के अनेक क्षेत्र में गरीबों को वस्त्रदान, अन्नदान, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, जीवनावश्यक वस्तुओं का अनुदान, पशु-पक्षियों को लाखों रुपए का दाना-पानी, घासचारा मिष्ट भोजन अर्पण करने जैसे सतकार्यों के साथ जरुरतमंद, गरीबों के लिए मांगी गई मामूली राशि से डायालिसिस की व्यवस्था एवं मेडिकल टेस्टिंग की योजना जैसे अनेक प्रकार के मानवता और जीवदया के प्रकल्पों के साथ 53 हजार से ज्यादा भाविकों ने रिलायन्स परिवार के उपक्रम से अनंत अर्हम आहार के दान के साथ अत्र-तत्र-सर्वत्र महक उठी मानवता महोत्सव की महक.

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