राष्ट्रीय परिषद से उदयोन्मुख शोधकों को गति मिलेगी
कुलगुरु डॉ. बारहाते ने जताया विश्वास
अमरावती/दि.6-भारत में होने वाले शोध समाज के लिए उपयोगी होना चाहिए. विद्यापीठ में राष्ट्रीय परिषद से समाज को उपयुक्त नाविन्यपूर्ण शोध पर विचार मंथन होकर सहभागी शोधकों के बीच नाविन्यपूर्ण शोध का आदान-प्रदान होगा तथा उसके माध्यम से उदयोन्मुख शोधकों को गति मिलेगी, उक्ताशय के विचार विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. मिलींद बारहाते ने व्यक्त किए.
विद्यापीठ के रासायनिक तकनीकी ज्ञान और भौतिक शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इमर्जिंग ट्रेन्ड्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी नामक विषय पर राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया. परिषद के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथि कोकुयो कैमलिन लिमिटेड, मुंबई के मैन्युफैक्चरिंग कंट्रोलिंग के अध्यक्ष किशोर वठे, डॉ. प्रवीण रघुवंशी, आयोजक, सचिव डॉ. गजानन मुले व संयोजक डॉ. अनिल अर्डक उपस्थित थे. इस अवसर पर उपस्थित मान्यवरों के हस्ते एक स्मरणिका का विमोचन किया गया. कुलगुरू ने आगे कहा कि, इस परिषद से शोध पूर्व ज्ञान व कल्पनाओं के वैचारिक आदान-प्रदान, उद्योग व नीति निर्धारणकर्ता इनमें समन्वय साधकर विकसनशील समाज निर्मिती करने के लिए भी लाभदायक साबित होता है. उदयोन्मुख शोधकों को शोध के लिए गति मिले, समाज को उपयोगी विषय पर शोध हो, इस उद्देश्य से इस परिषद में विचार मंथन होगा और भविष्य में समाज को इसका निश्चित ही लाभ होगा, ऐसी उम्मीद कुलगुरू ने व्यक्त की.उद्घाटन प्रसंग पर प्रमुख अतिथि किशोर वठे ने कहा कि, आज के युग में टेक्नोलॉजी हमारे हाथ में आ गयी है. 10-20 वर्षों के बाद टेक्नोलॉजी में काफी परिवर्तन होंगे. किंतु उन सभी टेक्नोलॉजी का मानवी जीवन समृद्ध होने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए. इस प्रकार की परिषद से समाजोपयोगी शोध पर जोर दिया जाएगा. डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने कहा कि, आज नैनो टेक्नोलॉजी को काफी महत्व प्राप्त हो गया है, इसका उपयोग भी प्रमाण में हो रहा है. मानवी जीवन सुलभ होने के लिए नैनो टेक्नोलॉजी में शोध निश्चित ही उपयोगी साबित होगा. यह परिषद उदयोन्मुख शोधकों के लिए मील का पत्थर साबित होगी, ऐसा कहते हुए उन्होंने शुभकामनाएं दीं.