अमरावतीमहाराष्ट्र

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आज

बच्चों को कृमिनाशक गोलियां खिलाने स्वास्थ्य विभाग की विशेष मुहिम

* 6 लाख बच्चों को लाभ देने का लक्ष्य
अमरावती/दि.13– 13 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक गोलियां दी जाएगी. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 1872 सरकारी स्कूल, 547 निजी स्कूल, 75 तंत्रनिकेतन ऐसे 2 हजार 494 स्कूलों सहित 2 हजार 672 आंगनवाडी केंद्र में करीब 6 लाख 12 हजार 215 बच्चों को कृमिनाशक दवा दी जाएगी. स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं भी मुहैया करायी गई है. इसके लिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य यंत्रणा को तैयार कर लिया गया है. राष्ट्रीय कीटनाशक दिवस के अवसर पर आज 13 फरवरी को देशभर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
जिले में भी स्वास्थ्य यंत्रणा के माध्यम से इस मुहिम को क्रियान्वित करने की तैयारी की गई. 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को यह कृमिनाशक गोली खाने के लिए सख्ती की गई. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 4 लाख 388 और ग्रामीण अस्पतालों के अंतर्गत 1 लाख 18 हजार 851 ऐसे कुल 5 लाख 19 हजार 239 बच्चे दर्ज किए गए. मनपा क्षेत्र में 1 लाख 72 हजार 976 बच्चे शामिल हैं. ऐसे 6 लाख 92 हजार 215 बच्चों को एक दिन में मौके पर ही गोलियां दी जानी चाहिए, इसके लिए नियोजन किया गया, यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुरेश आसोले ने दी.

* कृमि के कारण बच्चों में ये समस्या होती है
बच्चों में एनीमिया, भूख न लगना, कमजोरी और चिडचिडापन, पेट दर्द, मचलाहट (मतली), उल्टी, दस्त, वजन घटना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसलिए बच्चों को कृमिनाशक गोलियां देना जरूरी है.
* 1 से 6 साल तक के बच्चों को आंगनवाडी केंद्रों पर और 7 से 19 साल तक के बच्चों को स्कूलों में गोलियां दी जाएंगी. जिन बच्चों को 13 फरवरी को कृमि नाशक गोली नहीं दी जाएगी, उनके लिए 20 फरवरी को अभियान चलाया जाएगा.

* एनिमिया से बचाव होता है
कृमिनाशक गोली खाने से बच्चों को एनीमिया से बचाव होता है. भोजन के पाचन और अवशोषण में सुधार करता है. स्कूलों, आंगनवाडियों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, सीखने की क्षमता और एकाग्रता बढती है. तथा छात्र-छात्राओं में कार्यक्षमता बढाने के लिए और आजीविका बढाने में मदद मिलती है. साथही परिसर में कृमि का प्रभाव कम होकर समाज को भी इसका फायदा होता है.

Back to top button