अमरावती

केएल कॉलेज में हिन्दी विषय की राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी हुई

हिन्दी और रोजगार के स्वर्णावसर पर प्रकाश डाला गया

अमरावती/दि.15 – श्री गणेशदास राठी शिक्षा समिति द्वारा संचालित श्रीमती केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग द्वारा ‘हिन्दी दिवस’ के अवसर पर आयोजित ‘हिन्दी पखवाड़े’ के अंतर्गत 14 सितंबर को राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार भांगडिया ने की. इस कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में डॉ कमल किशोर गुप्ता सिंध्ाु महाविद्यालय, नागपुर से जुड़े थे. आपने जनमानस की भाषा हिन्दी इस विषय पर विभिन्न उदाहरणो के माध्यम से प्रकाश डाला. आपने हिन्दी शब्द तथा हिन्दी भाषा की विकास यात्रा अत्यंत सार्थक रूप से रेखांकित की. साथ ही हिन्दी को योगदान देने तथा सार्वजनिक भाषा बनानेवाले सेनानियों का नामोल्लेख् भी किया. आपने हिन्दी दिवस 14 सितंबर कब और कैसे मनाया गया, इसका भी विस्तृत ब्यौरा दिया. डॉ. कमलकिशोर गुप्ता ने ‘हिन्दी और रोजगार के स्वर्ण अवसर ‘ पर विषय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. इस संगोष्ठी के दूसरे वक्ता प्रा प्रदीप जटाल पार्वतीबाई चौघुले आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज मडगांव, गोवा ने ‘हिन्दी की स्थिति कल, आज और कल’ विषय पर अपना वक्तव्य दिया. आपने हिन्दी किस तरह से जन-जन की भाषा बनी है. साथ ही हिन्दी के रचनाकारों के साथ ही परिचय दिया. आपने आज अंग्रेजी किस तरह से हमारे जीवन में अहम भाषा हो चली है. यह विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया. आपने हिन्दी भाषा को मीडिया का योगदान बताते हुए कहा कि टेलीविजन पर आनेवाले हिन्दी के कई सीरियल, फिल्म तथा धारावाहिक के नाम गिनाए, जिसकी वजह से आज हिन्दी जन-जन से मन तक पहुंची है. आपने अत्यंत महत्वपूर्ण और यथार्थ कथन किया कि विदेशों में हिन्दी सीखने की जितनी आवश्यकता आज नहीं है उतनी भारत में है क्योंकि भारत अपनी यह भाषा भूल रहा है और विदेशी उसे अपना रहे है. उन्होने सभी से यह प्रश्न किया है कि इतनी अंग्रेजी के बावजूद भारतीयता कहां से हम लाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता क्यों? प्रांतीय भाषाएं अनिवार्य क्यों नहीं? उन्होंने अपने दु:ख को व्यक्त करते हुए कहा कि जिन वीर जवानों ने अंग्रेजों से देश को स्वतंत्र करने के लिए अपने प्राण त्याग दिए वहीं देश आज अंग्रेजी का राग अलाप रहा है. आपने हिंदी के अंग्रेजी रूप ही इंग्लिश पर भी चिंता व्यक्त की है. दोनों वक्ताओं ने अपनी ओजपूर्ण और प्रभावी शैली में अत्यंत सुंदर वक्तव् किया, जिससे श्रोता वर्ग प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका. कार्यक्रम की प्रस्तावना करते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योती मंत्री ने सभी को हिन्इी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिन्दी विभाग सदैव से छात्रों के सर्वतोमुखी एवं सुप्त गुणों के विकास के लिए प्रयत्नशील है उन्होंने हिन्दी विभाग के स्वर्णिम इतिहास पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. विजय कुमार भांगडिया ने कहा कि हिन्दी देश विदेशों में तो बढ़ रही है पर घर में लुप्त हो रही है. हिन्दी माध्यम बंद हो रहे है. हमारे अपने घरों के बच्चों को हिन्दी में अंक नहीं समझते. आपने आगे कहा कि आज एक मान्यता हो चुुकी है हिन्दी, मराठी जिन्हें आती है वह होशियार नहीं होता और चार लाईन अंग्रेजी अर्थात विदेशी भाषा की बोलकर लोग अपने आप को गौरवान्वित समझते हैं. आपने आगे कहा कि सरकारी कार्यालयों, कोर्ट के ड्राफ्टिंग, यूजीसी का पूरा कामकाज यह सभी अंग्रेजी में चलता है क्योंकि हमने यह मान लिया है कि सबको अंग्रेजी आती है. जिस तरह से किसी को अंग्रेजी नहीं आती तो वह अंग्रेजी के जानकार से उसका मतलब पूछता है, उसी तरह से यदि सरकार ने हिन्दी को बढ़ावा देेते हुए हिन्दी में ही सब कामकाज किया तो जिसे हिन्दी नहीं आती वह भी हिन्दी के जानकार से किसी बात का मतलब पूछेगा और हिन्दी सीखेगा भी. अत: सरकार को चाहिए कि सभी नोटिफिकेशन हिन्दी में ही निकाले.
इस कार्यक्रम हेतु संस्था के अध्यक्ष वसंतकुार मालपानी एवं सचिव डॉ. गोविंद लाहोटी ने अनंत शुभकामनाए दी. आपने समस्त हिन्दी प्रेमियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाए देते हुए हिन्दी विभाग के पखवाडा मनाने के उपक्रम का अभिनंदन किया.
कार्यक्रम का सुंदर संचालन डॉ. सुनील मावस्कर ने किया. आपने हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी पखवाडे में आयोजित आशु भाषण स्पर्धा का परिणाम घोषित किया, जिसमें प्रथम क्रमां क छाया वानखेडे, एमए प्रथम वर्ष, द्वितीय नरेन्द्र केवटे एमए प्रथम वर्ष, द्वितीय वंदना सिंह बीकॉम द्वितीय वर्ष एवं चतुथ क्रमांक गोविंद दुबे बी.ए. प्रथम वर्ष घोषित किया गया. इस कार्यक्रम में डॉ. कमल किशोर गुप्ता परिचय डॉ. सुधा मिश्रा ने दिया तो डॉ प्रदीप जटाल का परिचय डॉ. विवेक मुंदडा ने दिया. कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन डॉ. तीर्थराज राय ने किया इस संगोष्ठी हेतु डॉ. ज्योती मंत्री डॉ. रविन्द्र सिरसाट, डॉ. तीर्थराज राय, डॉ. सुनील मावस्कर, डॉ. सुधा मिश्रा, डॉ. विवेक मुंदडा एवं डॉ.अंजली मुले ने अथक प्रयाए किए. कार्यक्रम का तकनीकी कार्यभार प्रा.अनिल तिवारी, डॉ. सुनील मावस्कर, डॉ. सुधा मिश्रा एवं वराड पांडे ने संभाला.

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