अमरावती

एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की मंजूरी

टीम ने की थी पीडीएमएमसी की जांच

अमरावती/ दि. 4– राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली द्बारा नियुक्त जांच टीम ने 4 जनवरी को पीडीएमएमसी की सर्वांगीण जांच की. इस जांच के बाद टीम ने दी रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में 7 जून 2023 से 5 वर्षो के लिए एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली द्बारा मान्यता प्रदान की गई है. राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्बारा सर्वप्रथम 5 वर्षो के लिए मंजूरी दी गई थी. उसकेे बाद 22 जुलाई 2010 और 11 मई 2018 को मान्यता का नूतनीकरण किया गया था.
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली द्बारा निर्धारित नियमों के अधीन पीडीएमएससी की लगातार प्रगति शिवाजी शिक्षा संस्था, अमरावती की कार्यकारिणी और अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख के नेतृत्व में हो रही है. महाविद्यालय के प्रत्येक विभाग में अपडेट यंत्र सामग्री, अपडेट ऑपरेशन थिएटर डायलिसिसि यूनिट वर्त यूनिट, पीआईसीयू, एनआईसीयू, एसआईसीयू, मदर मिल्क बैंक, अपडेट ब्लड बैंक, स्कील लैब, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक के अनुसार आवश्यक अपडेट लेक्चर हॉल, परीक्षा हॉल, सभागृह के साथ ही विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अत्याधुनिक ग्रंथालय उपलब्ध है. इसके साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए हदयरोग ऑपरेशन, एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी यह सुविधां उपलब्ध कराई गई है. शिवाजी शिक्षा संस्था अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख और उनकी कार्यकारिणी के आधुनिक दृष्टिकोण का व उससे होनेवाली प्रगति का लाभ पर्याय से विदर्भ के गरीब मरजों को हो रहा है. साथ ही डॉ. पंजाबराव देशमुख मन में रहनेवाली अति अल्प शुल्क में गरीब मरीजों को यहां वैद्यकीय सेवाएं मिल रही है. वर्ष 2018 के बाद बराबर 5 वर्ष के अंतराल से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली द्बारा मान्यता मिली है, ऐसी जानकारी पीडीएमएमसी के डीन डॉ. अनिल टी. देशमुख ने दी है.

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