अमरावतीमहाराष्ट्र

देश में कम हुए राष्ट्रीय दल

14 से घटकर 6 पर आयी संख्या

* 4 पार्टियां ही मान्यता रख सकी साबूत
दिल्ली/दि.23– 1951 के बाद पहली बार ही राष्ट्रीय पार्टी की संख्या 14 से 6 पर आ गई है. 70 वर्ष के इतिहास में ऐसा पहलीबार हुआ है. देश में 1951 से अनेक राष्ट्रीय पार्टी की स्थापना हुई और कालांतर में अनेक पाटियों का विघटन भी हुआ है. इस समय 2024 में 6 राष्ट्रीय पार्टी लोकसभा चुनाव लडेगी. देश में कुल 53 राजनीति पार्टी ने पहला चुनाव लडा था. उसमें से केवल 14 राष्ट्रीय पार्टी बनी तथा बाकी की राष्ट्रीय पार्टी मानी गई. भारतीय चुनाव ने आयोग ने प्रकाशित की ‘लीफ ऑफ फेथ’ इस पुस्तक के अनुसार 1953 के चुनाव से पूर्व 29 राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने की मांग की थी. उसमें से केवल 14 दलों को ही दर्जा देने का निर्णय लिया गया. तथापि उसमें से केवल 4 राष्ट्रीय दर्जा टिकाकर रखने की अनुमति थी.

1953 में चार राष्ट्रीय पार्टी- 1953 तक कांग्रेस, प्रजा सोशालिस्ट पार्टी (सोशालिस्टपार्टी और किसान मजदूर पार्टी के बाद विलीनीकरण के बाद स्थापित हुई), सीपीआय और जनसंघ यह चार राष्ट्रीय पार्टी थी. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, अखिल भारतीय भारतीय जनसंघ,क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (मार्क्सवादी गट) का राष्ट्रीय टैग गमाने वाली पार्टी का समावेश था. एफबीएल-एमजी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (रूईकर ग्रुप) एफबीएल- आरजी, कृषक लोक पार्टी, बोल्शेविक पार्टी ऑफ इंडिया और रिव्होल्युशनरी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर पार्टी ने पहला चुनाव स्वतंत्रतापूर्वक लडा था और उसके बाद उन्होंने विलीन होकर प्रजा सोशालिस्ट पार्टी की स्थापना की थी. दूसरे चुनाव में 1957 में चार राष्ट्रीय पार्टी मैदान में होने पर राजनीति पार्टी की संख्या 15 पर पहुुुंच गई. तथापि 1962 में अगले चुनाव में 27 पार्टी ने चुनाव लडे और समाजवादी और स्वतंत्र पार्टी ने चुनाव लडने से राष्ट्रीय पार्टी की संख्या 6 हो गई.

* कांग्रेस पार्टी का इतिहास सबसे बडा
पहले सार्वत्रिक चुनाव के बाद कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही. 2014 तक कांग्रेस ने 14 में से 11 चुनाव जीते. 1951 के चुनाव के बाद सीपीअरय अगली दो लोकसभा चुनाव मेें प्रमुख विरोधी पार्टी बनी . सोशललिस्ट पार्टी के कारण जयप्रकाश नारायण , राम मनोहर लोहिया, और आचार्य नरेंद्र देव ने स्थापित की गई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में बाए गुट के कांग्रेस सोशललिस्टपार्टी में हैं. उस समय नारायण ने पीएस में से पिछडे और 70 के दशक के बीच उन्होंने फिर एक बार राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया. जब उन्होंने इंदिरा गांधी के विरोध में अांंदोलन का नेतृत्व किया. नारायण ने बाद में 1975 में गांधी के अपात्रता के चुनौती का नेतृत्व किया. जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया. जेल से छूटने के बाद नारायण और अन्य पीएसपी नेताओं ने भारतीय लोकदल की स्थापना करने के लिए कई संगठनों से हाथ मिलाया.

* 1992 में 7 थी राष्ट्रीय पार्टी
आज तक की सबसे कम पार्टी 1992 की लोकसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, सीपीआय , सीपीएम, जनता दल, जनता पार्टी और लोकदल ये 7 राष्ट्रीय पार्टी के साथ लडती थी. चुनाव आयोग के रिपोर्ट के अनुसार 1996 के सार्वत्रिक चुनाव में 209 राजनीति पार्टी ने भाग लिया था. जिसमें राष्ट्रीय पार्टी ने भाग लिया था. जिसमें राष्ट्रीय टॅग रहनेवाली 8 पार्टियों का समावेश था. कांग्रेस (आएनसी) ऑल इंदिरा कांग्रेस ( तिवारी), भाजपा, सीपीआय, सीपीएम, जनता दल, जनता पार्टी और समता पार्टी 1998 के चुनाव मेें कांग्रेस, भाजना, बसपा, जनता दल, सीपीआय, सीपीएम और समता पार्टी इन सात राष्ट्रीय पार्टी सहित 176 राजनीति पक्ष चुनाव लड रहे थे तथा 1999 में 7 राष्ट्रीय पार्टी-भाजपा सहित 160 राजनीति पार्टी चुनाव लड रही थी. 2014 में 464 राजनीति पार्टी ने चुनाव में भाग लिया. उसमें से 6 राष्ट्रीय थी.

* तृणमूल बनी राष्ट्रीय पार्टी
आल इंडिया तृणमल कांग्रेस ने 2016 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया और 2019 के चुनाव लडे. 2019 के चुनाव भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सीपीआय, सीपीाय(एम), एनसीपी और एआयटीसी इन 7 राष्ट्रीय पार्टी ने चुनाव लडा. कुल 674 पार्टी ने चुनाव लडा था.

Related Articles

Back to top button