अमरावतीमहाराष्ट्र

काशी में विश्व मांगल्य छात्र सभा की राष्ट्रीय विद्यार्थी परिषद

आजादी के अमृत महोत्सव निमित्त आयोजन

अमरावती/दि.13– संपूर्ण देश में आजादी के अमृत महोत्सव निमित्त विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैैं. इस पृष्ठभूमि पर देश के संघर्षमय इतिहास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हुई हैैं. इस पर ध्यान केंद्रीत कर ‘राष्ट्र निर्माण में युवकों की भूमिका’ विषय पर देश के विविध प्रांतो के महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, शिक्षा संस्थाओं में संवाद-संगोष्ठी सहित विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए. विश्व मांगल्य छात्र सभा, युवतियों में कार्यरत रहे विश्व मांगल्य सभा के कार्यरत विभाग यह देशव्यापी संस्था हैं. यह संस्था युवतियों में भारतीय संस्कृति निर्माण करने का काम करती हैं. संपूर्ण देश के शिक्षा क्षेत्र की इन छात्राओं के माध्यम से देश को सांस्कृतिक नेतृत्व प्रदान करना इस छात्रसभा का मूल उद्देश्य हैं.

देश का आजादी का अमृत महोत्सव सभी देशवासी हर्षोउल्हास से मना रहे हैं. इस पृष्ठभूमि पर देश के संघर्षमय इतिहास में युवतियों ने अमूल्य योगदान दिया हैं. इसे ध्यान में रखकर देश के विविध राज्यों के महाविद्यालय, विद्यापीठ और शैक्षणिक संस्था में ‘राष्ट्र निर्माण में छात्राओं की भूमिका’ विषय पर संवाद-परिसंवाद और विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. यह उपक्रम पूर्ण होने के स्मरणार्थ विश्व मांगल्य छात्र सभा ‘शक्ति संवाद-2024, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ की घोषणा की गई हैं. 16, 17 और 18 फरवरी को काशी यानी बनारस शहर में इस परिषद का आयोजन किया गया हैं. यह कार्यक्रम विश्व मांगल्य छात्र सभा और बनारस हिंदू विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया हैं. परिषद में भारत के सांस्कृतिक संवर्धन में छात्राओं की भूमिका विषय पर चर्चा होगी. शक्ति संवाद-2024 में देश के विविध राज्यो से यानी जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक सभी छात्राएं शामिल होनेवाली हैं. विविध शैक्षणिक संस्थाओं के अधिकारी, विद्यापीठ के कुलगुरु और सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र के विख्यात वक्ताओं की उपस्थिती में यह परिषद होनेवाली हैं. परिषद में भारतीय संस्कृति विषय पर पेपर और पोस्टर्स प्रस्तुत किए जाएगे. भारतीय जीवनशैली का वैज्ञानिक आधार, प्राचीन भारत की सुशिक्षित महिला, भारतीय संस्कृति और पर्यावरण संवर्धन, प्राचीन भारतीय अविष्कार आदि विषय पर छात्राएं प्रस्तुतीकरण करेगी. देश के इतिहास में पहली बार संपूर्ण देश से उपस्थित छात्राएं देश की मूल पहचान, उसकी गौरवशाली परंपरा और संस्कृति पर आत्मविश्वास से चर्चा और मंथन करेगी.

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