अमरावती

राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता की पहल

श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल में हुवा आयोजन

* 8 राज्यों के 330 प्रतियोगियों की भागीदारी
अमरावती/ दि.16- पूरे विश्व को योग सिखाने वाला हमारा देश भारत आज विश्वस्तर पर योग गुरु के रूप में पहचाना जा रहा है. योग हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है और योग आंदोलन को राष्ट्रीयस्तर पर लागू किया जा रहा है ताकि समाज में हर कोई योग को अपना सके. इसी अवसर पर श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल में राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता का उद्घाटन सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
बुधवार 16 जून को श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के योग विभाग में एक दिवसीय राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता में महाराष्ट्र, कोलकाता, मध्यप्रदेश, भोपाल, इटारसी, मणिपुर, बिहार और उत्तर प्रदेश के 330 प्रतियोगियों ने भाग लिया. प्रतियोगिता में 7-9, 10-14, 14-18, 19-25, 26-35 और 36-70 आयु वर्ग के लिए सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. इस समय प्रतियोगिता में यवतमाल, वरुड, पुणे, मोर्शी, परतवाड़ा के 8 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी.
इस प्रतियोगिता का उद्घाटन श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के योग विभाग में सुबह 11 बजे हुआ. इस अवसर पर मंडल के सचिव प्रा. डॉ. माधुरीताई चेंडके, डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. अजयपाल उपाध्याय, अंतरराष्ट्रीय योग गुरु डॉ. अरुण खोडस्कर, वरिष्ठ योग प्रशिक्षक डॉ. सूर्यकांत पाटिल, योग विभाग के प्रमुख सुनील लाबडे और अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे.
उद्घाटन समारोह का मार्गदर्शन करते हुए मंडल के सचिव प्रा. डॉ. माधुरी चेंडके ने कहा कि, आज पूरी दुनिया में योग की पद्धति को स्वीकार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योग और योगासन, हमारी संस्कृति और पहचान का अभिन्न अंग, युवाओं की जीवन शैली का अभिन्न अंग होना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि, देश की पहली राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता सकारात्मक बदलाव लाएगी. अंतरराष्ट्रीय योग गुरु डॉ. खोडस्कर ने कहा कि, योग सिर्फ प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं है, यह एक आदर्श जीवन शैली है. यह मन और स्वास्थ्य के संयोजन का एक तरीका है. इसलिए उन्होंने सभी से योग अपनाने की अपील की. डिग्री कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. अजयपाल उपाध्याय ने कहा कि, श्री हनुमान व्यायाम प्रसार मंडल पारंपरिक और आधुनिक खेलों का एकमात्र केंद्र है और पहली राष्ट्रीय योगासन प्रतियोगिता से युवाओं को योग का महत्व और ताकत मिलेगी. उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि इससे युवाओं को सकारात्मक दिशा मिलेगी.
इस प्रतियोगिता की सफलता के लिए मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकररावजी वैद्य के मार्गदर्शन में योग विभाग के प्रमुख सुनील लाबडे, डॉ. नितिन काले, प्रवीण अनासाने, प्रमोद शिरभाते, प्रणय पवार, प्रतीक पाथरे, संदीप मंडले, अंकित स्नेहा, शुभम कुमार, कृष्णनंदन कुमार,योग विभाग के सभी प्राध्यापकों, छात्रों और कर्मचारियों ने अथक परिश्रम किया.

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