अमरावती

नैसर्गिक संगीत से बढ़ती है रोग प्रतिकारक शक्ति ः डॉ. संतोष बोराडे

संत गाड़गेबाबा अमरावती विद्यापीठ में जीवन संगीत कार्यक्रम

अमरावती/दि.28- नैसर्गिक संगीत विश्व का सबसे अच्छा डॉक्टर है. संगीत से हम अपने जीवन के दुख, तनाव, अकेलापन दूर कर सकते हैं. संगीत के कारण रोग प्रतिकार शक्ति भी बढ़ती है, ऐसा प्रतिपादन इस क्षेत्र के ज्येष्ठ व्यक्तित्व डॉ. संतोष बोराडे ने किया है.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग की ओर से आयोजित जीवन संगीत कार्यक्रम में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में अध्यक्ष के रुप में विभाग के संचालक डॉ. श्रीकांत पाटील उपस्थित थे. सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम दरमियान शाम को भजन संध्या भी आयोजित की गई थी. डॉ. बोराडे के अनुसार, संगीत यह जीवन की आत्मा है. संगीत मनुष्य ने ही तैयार नहीं किया, बल्कि वह निसर्ग में भी निर्माण होता है. संगीत में व्यक्ति को भावनिक व मानसिक दृष्टि से ठीक करने का सामर्थ्य है. इतना ही नहीं, संगीत ध्यान का भी एक प्रकार है. डॉ. संतोष बोराडे ने आगे कहा कि फिल्मी गीत सुनकर मनुष्य विविध भावविश्व में जीता है. कभी खुश तो कभी दुखी ऐसी भी उसकी स्थिति बनती है. कई बार तो गीतों को सुनकर तनाव में भी जाता है. इसके विपरित भक्ति संगीत भजन, कीर्तन, अभंग सुनने से मनुष्य में जीवन जीने का दृष्टिकोण, आत्मविश्वास एवं श्रद्धा निर्माण होती है. जीवन के प्रत्येक संकटों का सामना करने की शक्ति मिलती है. इस समय डॉ. बोराडे ने सांगितिक महफिल का प्रात्यक्षिक भी प्रस्तुत किया. शाम के समय सभी कलाकारों सहित भजन संध्या भी हुई.
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत पाटील ने कहा कि विद्यार्थियों को संगीत सुनते समय योग्य संगीत का चयन करना चाहिए. संगीत के माध्यम से एकाग्रता निर्माण होती है व यह एकाग्रता स्वयं अध्ययन करते समय उपयोगी होती है. कार्यक्रम का संचालन प्रा. मंजूषा बारबुद्धे व आभार प्रदर्शन प्रा. मनीषा लाकडे ने किया.

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