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राज्यपाल पद के लिए छोडा नवनीत राणा का विरोध

पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने खुद किया खुलासा

* अमित शाह व फडणवीस द्वारा आश्वासन दिये जाने की बात कही
अमरावती/दि.24 – अमरावती संसदीय सीट मेंं भाजपा द्वारा नवनीत राणा को प्रत्याशी बनाये जाते ही महायुति में शामिल रहने वाले पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने राणा की दावेदारी का जमकर विरोध कर दिया था. लेकिन आगे चलकर आनंदराव अडसूल ने अपना विरोध खत्म कर दिया. यहां तक की नवनीत राणा के प्रचार हेतु आयोजित केंद्रीय मंत्री अमित शाह की जनसभा के मंच पर पूर्व सांसद अडसूल के बेटे व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल भी दिखाई दे रहे है. ऐसे में हर कोई यह जानना चाह रहा था कि, आखिर अडसूल पिता-पुत्र ने अपनी भूमिका क्यों बदली. इसका खुलासा अब खुद आनंदराव अडसूल द्वारा कर दिया गया है. जिसके तहत उन्होंने बताया कि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई एक बैठक के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदला. उस बैठक में अमित शाह ने उन्हें आगे चलकर राज्यपाल बनाने का आश्वासन दिया था. साथ ही अडसूल ने यह दावा भी किया कि, उस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे.
पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने बताया कि, उन्हें डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल बनाने का प्रस्ताव सबसे पहले आगे रखा. जिसके बाद उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिलने के लिए बुलाया और कहा कि, अमरावती की सीट हर हाल में भाजपा को ही चाहिए है. साथ ही उस समय अमित शाह ने आगे चलकर राज्यपाल बनाने का आश्वासन भी दिया. जिसके चलते उन्होंने नवनीत राणा की दावेदारी को लेकर अपना विरोध खत्म किया.

* नवनीत राणा ही चुनकर आएंगी
इसके साथ ही पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने अब यह दावा भी किया है कि, अमरावती संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा निश्चित रुप से चुनकर आ सकती है. विशेष उल्लेखनीय है कि, राणा को भाजपा प्रत्याशी बनाये जाते समय पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने ही यह दावा किया था कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में राणा दम्पति के खिलाफ माहौल है. साथ ही विगत 5 वर्षों के दौरान नवनीत राणा ने केवल होली के पर्व पर आदिवासियों के घर जाकर रोटी बनाने की नौटंकी की तथा एक भी ढंग का काम नहीं किया. इसके साथ ही पूर्व सांसद अडसूल ने यह दावा भी किया कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र के मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके पास आकर उन्हें अपने समर्थन दिया था. वहीं नवनीत राणा को प्रत्याशी बनाये जाने का खुद भाजपा के कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. ऐसे में यदि महायुति की ओर से उन्हें प्रत्याशी बनाया जाता, तो वे निश्चित तौर पर शानदार लीड के साथ चुनकर आते.

 

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