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कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले नवनीत राणा सांसद पद से इस्तीफा दें

प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर का कथन

* बोले : रोज आरती उतारने की बजाय सीधे भाजपा में प्रवेश कर लें नवनीत

अमरावती/दि.21- कांग्रेस के समर्थन से लोकभा में पहुंची अमरावती संसदीय क्षेत्र की सांसद नवनीत राणा इन दिनों कांग्रेस पर ही बेसिरपैर के आरोप लगाती है और बात-बात में मोदी सरकार की आरती उतारती है. ऐसे में ज्यादा बेहतर रहेगा कि, नवनीत राणा ने कांग्रेस के समर्थन से मिले सांसद पद का त्याग करना चाहिए और रोज-रोज आरती उतारने की बजाय खुले तौर पर भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर लेना चाहिए. ताकि कम से कम अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र रद्द होने तक वे किसी पद पर रहकर सत्ता का उपभोग कर सके. इस आशय का कथन कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेश सचिव दिलीप एडतकर द्वारा किया गया है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दिलीप एडतकर द्वारा कहा गया कि, सांसद नवनीत राणा ने मेलघाट की पोषाहार योजना को लेकर राज्य सरकार के बालकल्याण विभाग को लेकर संसद में आरोप लगाये है, जो कि पूरी तरह से गलत और हास्यास्पद है. एडतकर के मुताबिक सांसद नवनीत राणा द्वारा आये दिन लोकसभा में महाराष्ट्र सरकार, विशेषकर कांग्रेस को लेकर बेसिरपैर के आरोप लगाये जाते है. साथ ही उन्हें संभवत: यह पता नहीं कि, मेलघाट में पोषाहार की वितरण व्यवस्था केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में ही चलती है और राज्य सरकार द्वारा इससे संबंधित नियमों में कोई बदलाव नहीं किये है. ऐसे में सांसद नवनीत राणा द्वारा लगाये गये आरोप एक तरह से केंद्र सरकार की ओर से बनाये गये नियमों को ही चुनौती देने की तरह है. एडतकर के मुताबिक सांसद नवनीत राणा और आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र का संबंध केवल नाच-गाने और फोटो सेशन तक ही सीमित है तथा उन्होंने आज तक मेलघाट क्षेत्र की किसी भी समस्या को हल नहीं किया है. साथ ही मेलघाट के विकास में उनका कोई सहभाग नहीं है. वहीं राज्य सरकार द्वारा मेलघाट के विकास हेतु विविध विकास योजनाएं चलायी जा रही है. जिसकी अनदेखी करते हुए केवल राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के प्रति दुराग्रहपूर्ण दूषित मानसिकता के चलते सांसद नवनीत राणा द्वारा बेसिरपैर के आरोप लगाते हुए भाजपा की भाटगिरी की जा रही है. ऐसे में ज्यादा बेहतर रहेगा कि सांसद नवनीत राणा कांग्रेस के समर्थन से मिली संसद सदस्यता को सबसे पहले छोडे और रोज-रोज भाजपा की प्रशंसा करने की बजाय खुले तौर पर भाजपा में प्रवेश कर ले.

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