अमरावतीमुख्य समाचार

हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान कर सांसद पद से इस्तीफा दें नवनीत राणा

चर्मकार विकास संघ ने पत्रवार्ता में उठाई मांग

अमरावती/दि.12- अनुसूचित जाति संवर्ग हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2019 के चुनाव में खुद को अनुसूचित जाति का प्रत्याशी बताते हुए नवनीत राणा ने चुनाव लडा और वे चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हुई. लेकिन मुंबई हाईकोर्ट व्दारा अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि, नवनीत राणा का जाति प्रमाणपत्र फर्जी और जाली हैं. साथ ही मुंबई हाईकोर्ट ने सांसद नवनीत राणा के जाति वैद्यता प्रमाणपत्र को भी खारिज कर दिया हैं. ऐसे में अब नवनीत राणा को अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित अमरावती सीट से सांसद बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं हैं. अत: उन्होंने अविलंब अपनी संसदिय सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए और अदालती फैसले का सम्मान भी करना चाहिए. इस आशय की मांग चर्मकार विकास संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय खामकर व्दारा आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में की गई.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वॉलकट कम्पाउंड स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही चर्मकार विकास संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय खामकर ने कहा कि, यद्यपि सांसद नवनीत राणा खुद को अनुसूचित जाति संवर्ग से बताती है, लेकिन उनमें संत रविदास महाराज और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचारों का अभाव दिखाई देता हैं. साथ ही उन्होंने आज तक संसद में अनुसूचित जाति से संबंधित मामालों को लेकर कभी कोई सवाल नहीं उठाया. इसके अलावा अनुसूचित जाति की महिलाओं पर अन्याय व अत्याचार की घटनाएं घटित होते रहने के बावजूद वे एक महिला सांसद होने के बावजूद हमेशा चुप ही रही और उन्होंने अन्याय व अत्याचार का शिकार होने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कभी कुछ भी नहीं किया. लेकिन अब चूंकि मुंबई हाईकोर्ट ने उनका जाति प्रमाणपत्र फर्जी रहने की बात स्पष्ट कर दी हैं. ऐसे में उन्होंने अदालतिय फैसले का सम्मान करते हुए अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में संजय खामकर ने यह भी कहा कि, नवनीत राणा ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र का सहारा लेकर अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडा यह सीधे-सीधे अनुसूचित जाति के आरक्षण व अधिकार पर अतिक्रमण करने की तरह है, साथ ही फर्जी प्रमाणपत्र का सहारा लेकर नवनीत राणा ने निर्वाचन आयोग में अनुसूचित जाति संवर्ग के साथ धोकाधडी व जालसाजी की हैं. जिसके लिए उन्होंने माफी मांगनी चाहिए और आगामी 10 दिन के भीतर संसद सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो, राज्य के सभी अनुसूचित जाति संगठनों व्दारा सांसद नवनीत राणा के इस्तीफें की मांग को लेकर अमरावती में तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा. इस पत्रकार परिषद में चर्मकार विकास संघ के विजय सावरकर व अभिजीत पोटे भी उपस्थित थे.

Related Articles

Back to top button