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महायुति में बात नहीं बनने पर नवनीत राणा का ‘प्लान-बी’ तैयार

निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर की चुनाव चिन्ह की मांग

अमरावती/दि.16 – भाजपा द्वारा हाल ही में महाराष्ट्र के 20 संसदीय सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की सूची घोषित की गई है. जिसमें पुराने सिपहसालारों के साथ-साथ कुछ नये चेहरों को भी मौका दिया गया है. वहीं जिन सीटों को लेकर अब तक पेंच फंसा हुआ है. उन सीटों पर भाजपा द्वारा अब तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये गये है. जिसके चलते ऐसी सीटों के मौजूदा सांसदों और वहां से चुनाव लडने के इच्छूकों के दिलों की धडकने तेज है और उनकी सांसे उपर-नीचे हो रही है. साथ ही ऐसी सीटों पर मौजूदा सांसदों पर चुनाव लडने के इच्छूकोेंं ने भी अपनी-अपनी नीतियां तय करनी शुरु कर दी है. जिनमें अमरावती जिले की निर्दलिय सांसद नवनीत राणा का भी समावेश है. जिनका कल तक महायुति की ओर से प्रत्याशी रहना और भाजपा में प्रवेश करना लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन संभ्रमवाली स्थिति अब भी बनी हुई है और सांसद नवनीत राणा को लेकर भाजपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले है. ऐसे में यदि भाजपा द्वारा अमरावती संसदीय क्षेत्र को लेकर कोई अलग फैसला लिया जाता है, तो उस स्थिति से निपटने हेतु सांसद नवनीत राणा द्वारा भी अपना ‘प्लान-बी’ तैयार किया जा रहा है. जिसके तहत विगत दिनों ही युवा स्वाभिमान पार्टी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर खुद को राष्ट्रीय राजनीतिक दल बताते हुए चुनाव हेतु स्वतंत्र चुनाव चिन्ह दिये जाने की मांग की है.
बता दें कि, अमरावती की निर्दलिय सांसद नवनीत राणा ने अमरावती संसदीय सीट से लोकसभा में पहुंचते ही भाजपा व एनडीए को अपना समर्थन दिया था. साथ ही उनके पति व विधायक रवि राणा भी विधानसभा में हमेशा ही डेप्यूटी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ खडे दिखाई देते रहे. राणा दम्पति द्वारा भाजपा के साथ साधी जा रही नजदीकियों को देखते हुए यह माना जा रहा था कि, भाजपा द्वारा अमरावती संसदीय सीट सांसद नवनीत राणा के लिए छोड दी जाएगी. परंतु भाजपा की ओर से लोकसभा प्रत्याशियों के नामों हेतु जारी की गई. दोनों सूचियों में अमरावती संसदीय क्षेत्र का समावेश नहीं किया गया है. उधर दूसरी ओर अमरावती की सीट हेतु शिंदे गुट भी अडकर बैठा हुआ है. भाजपा सेना युति के दौरान अमरावती संसदीय सीट हमेशा ही शिवसेना के हिस्से में रहती आयी है. जिसके चलते शिंदे गुट वाली शिवसेना से वास्ता रखने वाले अमरावती के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने एक बार फिर अमरावती संसदीय क्षेत्र से खूद चुनाव लडने का ऐलान कर रखा है. साथ ही शिंदे गुट की ओर से दलिल दी जा रही है कि, अमरावती संसदीय सीट का भाजपा से कभी कोई संबंध नहीं रहा. ऐसे में यह सीट एक बार फिर शिवसेना के ही हिस्से में रहेगी.
इन सभी घटनाक्रम के बीच सांसद नवनीत राणा ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करते हुए अमरावती की सीट अपने लिए छोडने का निवेदन किया है. परंतु भाजपा ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. वहीं दूसरी ओर विगत दिनों यह चर्चा भी चल रही थी कि, सांसद नवनीत राणा भाजपा में प्रवेश कर सकती है. लेकिन इस पर भी शिंदे गुट का कहना रहा कि, भले ही सांसद नवनीत राणा भाजपा मेें चली आये. लेकिन इसके बावजूद भी अमरावती संसदीय सीट को महायुति के तहत शिंदे गुट वाली शिवसेना के लिए ही छोडा जाना चाहिए. इन तमाम बातों के मद्देनजर अब सांसद नवनीत राणा ने बेहद सावधानी व सतर्कता के साथ अपने कदम उठाने शुरु कर दिये है. जिसके तहत भाजपा से कमल चुनाव चिन्ह पर चुलाव लडने का मौका नहीं मिलने पर दूसरे पर्याय के तौर पर सांसद नवनीत राणा द्वारा युवा स्वाभिमान पार्टी के चुनाव चिन्ह के पर्याय पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए युवा स्वाभिमान पार्टी की ओर से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा गया है और इस पत्र के जरिए युवा स्वाभिमान को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता देने और पाना सहित कुछ निशानियों में से एक निशानी तय करने का अनुरोध विधायक और वायएसपी के संस्थापक रवि राणा ने चुनाव आयोग से की है. वायएसपी से यह पत्र चुनाव आयोग को गत 9 मार्च को दिया गया. उस पर 5 मार्च की मुहर लगी है. पत्र में नीलकंठ कात्रे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने के साथ सांसद नवनीत एवं विधायक रवि राणा को प्रमुख मार्गदर्शक बताया गया है. पत्र में पार्टी की निशानी के रूप में सभी उम्मीदवारों को एक ही चुनाव चिन्ह देने की विनती करते हुए पाना, सिटी, बल्ला, रोड रोलर, प्रेशर कुकर, गैस सिलेंडर, फुटबॉल, ऑटो रिक्शा, कैची, टेलीविजन आदि में से कोई निशानी आवंटित करने का अनुरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कात्रे ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त से किया हैं.

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