अमरावतीमहाराष्ट्र

नवरात्रोत्सव 2 अप्रैल से

जगदंबा देवी यात्रा व गाडबगाड महोत्सव 10 अप्रैल को

* भानुदास कालमेघ को एक साथ 7 बैलगाडी खींचने का मिला सम्मान
अमरावती/दि.01-श्री जगदंबा देवी संस्थान उत्सव समिति की ओर से गुढीपाडवा निमित्त से बुधवार 10 अप्रैल को गाडबगाड महोत्सव व गुरूवार 11 अप्रैल को जगदंबादेवी यात्रा महोत्सव आयोजित किया गया है. इस महोत्सव के निमित्त जानामाय मंदिर से श्री जगदंबादेवी संस्थान तक 7 बैलगाडियां खींची जाती है.

हर साल ये सम्मान दहीगांव रेच के 75 वर्षीय भानुदासराव कालमेघ को मिला है. श्री जगदंबादेवी विश्वस्त मंडल व श्री जगदंबादेवी यात्रा महोत्सव समिति तथा छत्रपति ग्रुप व समस्त ग्रामवासी हर साल इस महोत्सव का आयोजन बडे उत्साह से करते है. 2 अप्रैल से नवरात्र महोत्सव की शुरूआत होगी. गुढी पाडवा के दूसरे दिन 10 अप्रैल को गाडबगाड महोत्सव उत्साह से मनाते है. इस महोत्सव के निमित्त गांव में धार्मिक वातावरण होता है. सात बैलगाडी एक दूसरे को जोडकर एक ही व्यक्ति वह गाडी खींचता है. बैलगाडी खींचनेवाले व्यक्ति को 9 दिन का उपवास रहता है. चैत्र नवरात्र से इस उत्सव की शुरूआत होती है. जिस रास्ते से बैलगाडी खींची जाती है. उस रास्ते को रंगोली से व केले के पत्ते के साथ भगवा झंडा से सजाया जाता है.

घर- घर में देवी के रूप में झाडनी की पूजा की जाती है. जगदंबा माता की आरती तथा विविध धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन इस दिन किया जाता है. जगदंबा यात्रा महोत्सव निमित्त आसपास के गांव में से बडी संख्या में नागरिक गाडबगाड महोत्सव देखने के लिए इस स्थान पर भीड करते है. रास्ते के दोनों तरफ नागरिकों की लाइन लगी रहती है. इस साल 11 अप्रैल को महोत्सव की शुरूआत होगी. दहीगांव रेचा में भानुदास कालमेघ यह व्यक्ति एक साथ सात गाडियां खींचेगा. 75 वर्षीय भानुदास कालमेघ विकत कितने ही वर्षो से देवी की एकनिष्ठा से पूजा करता है और मंदिर में कार्य करते है. इस साल उन्हें एक साथ सात गाडियां खींचने का सम्मान मिला है. सात बैलगाडियों में प्रत्येक बैलगाडी में 50 से अधिक व्यक्ति बिठाए जाते है और भरी हुई गाडियां खींचने की शक्ति जगदंबा माता देती है. ऐसा कहा जाता है. इसलिए यह उत्सव उत्साह से मनाते है. यह उत्सव देखने के लिए बडी संख्या में भक्त सहभाग लेते है. इस साल भी अधिकाधिक नागरिक इस महोत्सव में शामिल होने का आवाहन जगदंबा देवी उत्सव समिति दहीगांव रेचा की ओर से किया गया है.

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