तिवसा/दि.9 – यदि अपने पंखो पर विश्वास रखकर उडान भरी जाए, तो आसमान को छूआ जा सकता है. इस कहावत को तिवसा तहसील के तलेगांव ठाकुर गांव में रहने वाली नाजूका पीयूष पवार नामक युवती ने सच साबित कर दिखाया. जिसकी खाडी देश की अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा में हवाई सुंदरी यानि एयर होस्टेस के तौर पर नियुक्ति हुई है.
बचपन से ही शिक्षा के प्रति रुचि रखने वाली नाजूका ने अपने शैक्षणिक जीवन में प्राथमिक व माध्यमिक के साथ ही पदवी में भी पहले स्थान पर अपना दबदबा कायम रखा और हालात से दो-दो हाथ करते हुए कुछ बडा करने का सपना देखती रही. कुछ अलग कर गुजरने के लिए बेताब नाजूका को पदवी की शिक्षा पूरी करने तक हवाई सुंदरी के काम को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं थी. लेकिन अपनी जिद, लगन व मेहनत के दम पर उसने आकाश में उडान भरी है. इसके लिए नाजूका पवार ने मराठी, हिंदी व अंग्रेजी भाषा पर विशेष प्रभुत्व हासिल किया. नैसर्गिक सौंदर्य के साथ ही वक्तृत्व कला, सकारात्मक देहबोली व हाजिर जवाबी पर विशेष ध्यान दिया. विज्ञान क्षेत्र में पदवी प्राप्त करने के बाद नाजूका ने नागपुर स्थित एक विमान सेवा प्रशिक्षण संस्था में प्रवेश हासिल किया. जहां पर इसके पंखों को मजबूती मिली. जिसके दम पर नाजूका पवार अमरावती के ग्रामीण क्षेत्र से एक विदेशी विमान सेवा में नियुक्ति हासिल करने वाली पहली हवाई सुंदरी बनी.
* डॉक्टर बनने की थी इच्छा
नाजूका पवार को पहले से वैद्यकीय क्षेत्र के प्रति काफी आकर्षण था और वह डॉक्टर बनने की इच्छा रखती थी, लेकिन पूरा मामला घर की आर्थिक स्थिति पर आकर रुक गया. ऐसे में उसने बीएससी की पदवी प्राप्त की. महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त करने तक नाजूका को विमान सेवा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन महाविद्यालयीन सहेलियां अक्सर ही इस बारे में चर्चा किया करती थी. जहां से नाजूका ने अपना लक्ष्य निश्चित किया. अंतिम चयन से पहले नाजूका ने हवाई सुंदरी बनने हेतु करीब 6 से 7 बार अलग-अलग साक्षात्कार दिए. जिनमें असफल रहने के बावजूद उसने अपनी जिद और मेहनत को कायम रखा और अंत में अपने ध्येय को हासिल भी किया. नाजूका पवार के मुताबिक जिद, लगन व मेहनत के साथ ही अपने आत्मविश्वास के बल पर दुनिया में किसी भी असाध्य लक्ष्य को साध्य किया जा सकता है.