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मंत्री अब्दुल सत्तार के विरोध में राकांपा पदाधिकारी आक्रामक

सत्तार के पोस्टर पर चप्पलों की बौछार

* सांसद सुप्रिया सुले के विरोध में अपशब्द कहने पर किया निषेध
* गाडगे नगर थाने में मामला दर्ज करने जमाया डेरा
अमरावती/दि.8- राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के बयान को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उनके इस वक्तव्य से संपूर्ण राज्य में राकांपा में तीव्र असंतोष व्याप्त हैं. सोमवार को अमरावती शहर में भी राकांपा नेता पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं में तीव्र रोष दिखाई दिया. सोमवार की रात सैकडों पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने पंचवटी चौक पर अब्दुल सत्तार के पोस्टर पर चप्पल बरसाकर अपना रोष प्रकट किया. साथ ही चप्पल से कृषि मंत्री के पोस्टर की आरती उतारकर कडा निषेध करते हुए उनकी इस्तीफे की भी मांग की और तीव्र प्रदर्शन के बाद गाडगेनगर थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर काफी समय तक थाने में डेरा जमाए रखा.
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के एक बयान पर सोमवार को राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने औरंगाबाद में सुप्रिया सुले के विरोध में अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उनके वक्तव्य का यह विडियो वायरल होने के बाद राकांपा कार्यकर्ता काफी आक्रामक हो गए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जब तक अब्दुल सत्तार का इस्तीफा नहीं ले लेते तब तक शांत न बैठने की भूमिका राकांपा नेता व कार्यकर्ताओं ने ली. संपूर्ण राज्य में राकांपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने रोष देखा गया. कार्यकर्ता बडी संख्या में सडकों पर आ गए. अमरावती शहर में भी सोमवार की रात पंचवटी चौक पर राकांपा प्रदेश पदाधिकारी सुरेखा ठाकरे, शहराध्यक्ष प्रशांत डवरे, जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, महिला जिलाध्यक्ष संगीता ठाकरे, अल्पसंख्याक प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी रफीक भाई, शहराध्यक्ष वाहिद खान, पूर्व सभापति अविनाश मार्डिकर, रायुकां अध्यक्ष ऋतुराज राउत के नेतृत्व में सैकडों कार्यकर्ताओं ने सडकों पर उतरकर कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के पोस्टर पर जमकर चप्पल बरसाकर अपना रोष व्यक्त किया और चप्पालों से आरती उतारकर घटना का निषेध भी किया. कृषि मंत्री के विरोध मेें आंदोलनकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी भी की. पश्चात एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर गाडगेनगर थाना पहुंचे. वहां एफआईआर दर्ज करने पर अडिग रहकर थाने में ठिया अांदोलन शुरु कर दिया. जब तक कृषि मंत्री पर मामला दर्ज नहीं होता तब तक थाने से न हिलने की भूमिका ली. पुलिस आयुक्त आरती सिंह को भी ज्ञापन सौंपा गया. आंदोलन में उपरोक्त पदाधिकारियों के अलावा भास्करराव ठाकरे, गुड्डू धर्माले, निलेश शर्मा, प्रशांत महल्ले, अनिल ठाकरे, आकाश भिवसे, सुषमा बर्वे, कल्पना वानखडे, संकेत बोके, निखिल रहाटे, मनीष पाटिल, दिग्विजय गायगोले, जयेश सोनोने, मनीष पेठे, अक्षय बुरघाटे, सारंग देशमुख, शिवाजी गतफणे, अभिषेक गोडे, प्रथमेश बोके, सचिन खंडारे, सचिन दलवी, प्रथमेश ठाकरे, अभिजीत लोयटे, पंकज हरणे सहित राकांपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.

गालियां देना हमें भी आता हैं, लेकिन यह राकांपा की संस्कृति नहीं
देश व महाराष्ट्र राज्य की संस्कृति में महिलाओं का सम्मान किया जाता हैं. लेकिन वर्तमान में इन विचारों को मारने का काम वर्तमान सरकार व्दारा शुरु हैं. चर्चा मेें रहने के लिए राकांपा नेताओं पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने का काम शुरु हैं. राकांपा नेत्री व सांसद सुप्रिया सुले को निशाना बनाकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर मंत्री अब्दुल सत्तार ने अपनी महिला विरोधी मानसिकता का परिचय दिया हैं. उनके वक्तव्य से संस्कार व संस्कृति क्या हैं यह स्पष्ट होता हैं. गालियां देना हमें भी आता हैं लेकिन यह राकांपा की संस्कृति नहीं हैं. इस कारण हमारी मांग है कि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तत्काल अब्दुल सत्तार का इस्तीफा लें.
– प्रशांत डवरे, शहराध्यक्ष राकांपा

 

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