मोर्शी/ दि. 25 – समाज की विकृत मानसिकता के व्यक्तियों की ओर से शाला महाविद्यालय में लडकिया व कार्यालय में काम करनेवाली महिलाओं का छल टालने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता होने का मत शहर के प्रसिध्द वैद्यकीय अधिकारी डॉ. किरण कुरहाडे ने व्यक्त किया. वे शिवाजी शाला में विशाखा समिति स्थापना के अनुसार आयोजित सभा के अध्यक्षस्थान पर बोल रहे थे. इस अवसर पर शाला के मुख्याध्यापक प्रसाद देशमुख, समिति की अध्यक्षा शीतल टाले, प्रेमा नवरे, वैशाली देशमुख, वर्षा निंघोट, व्ही, एम. रोकडे, डॉ. संगीता हेडाऊ, विशाखा ठाकरे, सपना राउत उपस्थित थी.
इस अवसर पर डॉ. किरण कुर्हाडे ने लैगिक समस्या संबंध में छात्राओं से संवाद साधकर व उनका लैंगि व शारीरिक समस्या जानकर उनके प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी समस्याओं का निराकरण किया. कार्यक्रम का संचालन प्रेमा नवरे ने किया, प्रास्ताविक शीतले टोले ने तथा आभार प्रदर्शन वर्षा निंघोट ने किया. कार्यक्रम में शाला की सभी छात्राएं व शिक्षिका उपस्थित थी.
* क्या है विशाखा समिति
शाला महाविद्यालय में पढनेवाली लडकियां व नौकरी करनेवाली महिलाओं का लैंगिक छल रोकने के लिए व छल की समस्या की जांच करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ मार्गदर्शक तत्व लागू किए है. लैंगिक शोषण व उस संबंध में शिकायतें रोकने की जिम्मेदारी इस संबंधित संस्था पर होती है. शिकायत आने पर वह तत्काल निराकरण के लिए प्रत्येक विभाग में अध्यक्ष सहित आधी से अधिक महिला होनेवाली समिति की स्थापना की गई है. यह समिति शिकायत मिलने पर उसे गंभीरता से लेकर 8 दिन के अंदर निर्णय लेकर उसकी रिपोर्ट कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत करती है.