प्रशासकीय कार्य दौरान संवेदनशील होना आवश्यक
सेवानिवृत्ति पर बोले कवि हृदयी संभागीय आयुक्त पांढरपट्टे
* नियोजन भवन में भावभिनी और स्नेहिल बिदाई
अमरावती / दि. 1– राजस्व विभाग के कार्य और कार्यपध्दति की वजह से इस विभाग में प्रशासकीय कार्य करते समय संवेदनशीलता और कौतुहल को जिंदा रखकर अनेक बाते सीखते जाने पर कठिन प्रसंगों पर भी सफल होने का कौशल और प्रशासकीय कौशल भी विकसित होता है. यह बात संभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने मंगलवार को यहां कही. अमरावती संभागीय राजस्व परिवार, विविध विभागों के अधिकारी -कर्मचारियों की ओर से डॉ. पांढरपट्टे की सेवानिवृत्ति के निमित्त उन्हें नियोजन भवन में समारोहपूर्वक तहेदिल से बिदाई दी गई, उस समय वे बोल रहे थे. अमरावती की जिलाधिकारी पवनीत कौर, यवतमाल के जिलाधिकारी अमोल येडगे, अकोला की जिलाधिकारी निमा अरोरा, वाशिम के जिलाधिकारी षणमुगराजन एस, अमरावती जिप के सीइओ अविश्यांत पंडा, वाशिम की सीईओ वसुमना पंत, अकोला के सीईओ सौरभ कटियार, बुलढाणा की सीईओ भाग्यश्री विसुपते, यवतमाल जिप के सीईओ श्रीकृष्ण पांचाल, पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल, धारणी के प्रकल्प अधिकारी सावन कुमार अदि अधिकारियों सहित प्रिया पांढरपट्टे, आकाश पांढरपट्टे, अलंकार पांढरपट्टे, हर्षद पांढरपट्टे आदि परिजन उपस्थित थे.
डॉ. पांढरपट्टे ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में कार्य करते समय विविध बातों को जानने की जिज्ञासा बरकरार रखनी चाहिए. यात्रा में जिस तरह छोटा बच्चा बडी जिज्ञासा के साथ विविध बातें देखता रहता है. वह यात्रा का बच्चा तुम्हारे मन में जिंदा रहने पर तुम्हे अनेक बातों असानी सीख सकेंगे. राजस्व विभाग के विविध व्यक्तिमत्वों , अनेक अनुभवों को मुझे साहित्य निर्मिती में हमेशा उपयोग हुआ. काम का तनाव नहीं लेकर सकारात्मकता से वह करने पर कठिन कार्य भी आसानी से पूर्ण हो जाता है और तनाव रहित काम करने का कौशल विकसित होता है. इस दौरान डॉ. पांढरपट्टे ने उनके कार्यकाल में विविध अनुभव हास्यमय शैली में और अनेक बढिया शेरों की उपस्थिति सहित साझा किए. अपनी साहित्य यात्रा, कवि श्रेष्ठ सुरेश भट और अमरावती जिले के साथ ऋणानुबंध के बारे में भी उन्होंने भावनाएं व्यक्त की.
डॉ. पांढरपट्टे यह कुशल प्रशासक और विविध जानकारियों के धनी ऐसे व्यक्तिमत्व है. कठिन परिस्थिति में जरा भी विचलित न होकर उन्होंने शांति से सभी जिम्मेदारियों को निभाया. उनसे सीखने जैसी अनेक बातें है, ऐसा जिलाधिकारी श्रीमती पवनीत कौर ने कहा.
डॉ. पांढरपट्टे ने विविध पदों पर लंबे समय तक काम किया. इस समय उन्होंने छोटे- बडे सभी से शांतिपूर्ण व अपनापन का बर्तााव कर महत्वपूर्ण कामगिरी व विविध जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया. उन्होंने गजल, कविता, ललित साहित्य में भी बडा योगदान दिया. अपने में मौजूद जिज्ञासा को जागृत रखकर उन्होनें नई-नई बाते सीख ली और अपने आपको लगातार अपडेट रखा. उनका महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के सदस्य पद पर चयन हुआ है. भविष्य में भी वे विविध क्षेत्रों में जोश के साथ कार्यरत रहेंगे. इन शब्दों में विविध वक्ताओं ने डॉ. पांढरपट्टे के व्यक्तिमत्व की अनेक बातों की जानकारी दी. प्रशासन के मान्यवरों के साथ ही अतिरिक्त जिलाधिकारी रामदास सिध्दभट्टी, एसडीओ संदीपकुमार अपार, तहसीलदार वैशाली पाथरे और सृजन सोलंके ने अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन उदय दोशी ने प्रास्ताविक उपायुक्त संजय पवार ने तथा आभार प्रदर्शन तहसीलदार निकिता जावरकर ने किया.
जिलाधिकारी पवनीत कौर प्रभारी संभागीय आयुक्त
अमरावती की जिलाधिकारी पवनीत कौर को संभागीय आयुक्त पद के अतिरिक्त सूत्र सौपें गए है. मंगलवार की शाम में यह पदभार उन्हें सौपा गया. वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी डॉ. दिलीप पांढरपट्टे 28 फरवरी को संभागीय आयुक्त पद की जिम्मेदारी से निवृत्त हो गये. इसलिए नए अधिकारी आने तक उनका पदभार जिलाधिकारी कौर की ओर सौंपा गया है. डॉ. पांढरपट्टे की निवृति के पश्चात उनका पदभार किसके पास सौंपा जाता है, इस संदर्भ में कई तर्क-वितर्क लगाए जा रहे थे. करीब 8 माह का समय पूर्ण कर डॉ. पांढरपट्टे मंगलवार की शाम में निवृत्त हुए. उनकी निवृत्ति विधानमंडल के मुंबई स्थित बजटीय अधिवेशन के समय पर होने फिलहाल अधिवेशन में व्यस्त रहनेवाली शासकीय तथा प्रशासकीय न यंत्रणा तुरंत नये अधिकारी का चयन, नियुक्ति करेगी ऐसी संभावना नही, इसलिए कुछ समय के लिए एक पद प्रभारी ही होगा. ऐसा निरीक्षण कुछ प्रशासकीय अधिकारियों ने नोट किया है. आमतौर पर निवृत्ति अथवा तबादला होने के एक दिन पूर्व शासन द्बारा नये अधिकारी की नियुक्ति की जानकारी दी जाती है. परंतु अभी तक अमरावती संभागीय आयुक्तालय में ऐसा कोई भी शासकीय पत्र नहीं पहुंचा है इसलिए जिलाधिकारी पवनीत कौर की ओर से इस पद का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया है.