मंदिरों की रक्षा करने व्यवस्था निर्माण करने की आवश्यकता
रामप्रियाश्री (माई) अवघड का प्रतिपादन
अमरावती/दि.15– मंदिर यह हिंदूओं की आस्था व चेतना का केंद्र है. लेकिन इसी आस्था पर आघात कर आक्रमणकारियों ने 5 लाख से अधिक मंदिर तोड़े. हिंदू भाविकों का एकत्रीकरण कर उन्हें शास्त्र सीखाना चाहिए. छोटे बच्चे व युवाओं को मंदिर का महत्व बताया आवश्यक है. फिलहाल मंदिर का संरक्षण करने के लिए व्यवस्था निर्माण करना जरुरी है. मंदिर के देवताओं की रोज उपासना करते-करते स्वयं के देवता को जागृत करना चाहिए. संतों के बताये अनुसार सन 2025 में हिंदु राष्ट्र की स्थापना होगी ही. मात्र हिंदू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सहभागी होने पर उनकी भक्ति सफल होती है, ऐसा प्रतिपादन स्थानीय रामप्रिया फाऊंडेशन की अध्यक्षा रामप्रियाश्री (माई) अवघड ने किया. वे गोवा के रामनाथ देवस्थान में जारी दशम अखिल भारतीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के दूसरे दिन मंदिरांचे सुव्यवस्थापन विषय पर बोल रही थी. हिंदू राष्ट्र संसद में विविध मंदिरों के विश्वस्त,भक्त,अधिवक्ता एवं हिंदुत्वनिष्ठों ने अभ्यासपूर्ण विचार प्रस्तुत किए.
इस संसद में सभापती के रुप में ओडिसा के अनिल धीर,उपसभापती के रुप में हिंदु जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक पू. नीलेश सिंगबाल व सचिव के रुप में हिंदु जनजागृति समिति के आनंद जाखोटिया ने कामकाज देखा. ढाई घंटे तक चली प्रदीर्घ चर्चा के पश्चात प्रथम हिंदु राष्ट्र संसद में हिंदुओं के मंदिर सरकार के ताबे से मुक्त कर वह भक्तों के ताबे में दिये जाये, मंदिर के कामकाज के लिए सिर्फ हिंदू की ही नियुक्ति की जाये. मंदिर परिसर में मद्य, मांस पर रोक लगाई जाये, व अन्य धर्मियों के प्रसार पर बंदी हो, ऐसा प्रस्ताव रखा गया. इसे जयतु जयतु हिंदुराष्ट्रम की गूंज से उपस्थित धर्मनिष्ठों ने अनुमोदन किया.