नीलम गोर्हे हमेशा अपना व्यक्तिगत फायदा देखती है
कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर ने साधा निशाना

* महिला आयोग की बैठक में विदर्भ की अनदेखी पर जताया रोश
अमरावती/दि.4 – विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कल मंगलवार को मुंबई में महिला आयोग को लेकर चर्चा करने हेतु महिला आयोग की कुछ पूर्व महिला सदस्यों एवं महिला कल्याण के क्षेत्र में काम करनेवाली महिलाओं की बैठक बुलाई थी. जिसे लेकर इस समय अच्छा-खासा हंगामा मचा हुआ है. क्योंकि, उस बैठक में विदर्भ क्षेत्र की महिला कार्यकर्ताओं का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं था. ऐसे में इस बैठक को लेकर कांग्रेस नेत्री व पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने भी अपनी नाराजगी जताते हुए डॉ. नीलम गोर्हे पर जमकर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि, शिंदे गुट वाली शिवसेना की नेता व विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे हमेशा केवल अपना व्यक्तिगत फायदा ही देखती है और पूरा समय केवल राजनीति ही करती है. ऐसे में डॉ. नीलम गोर्हे का महिलाओं की समस्याओं से कुछ लेना देना नहीं है. हालांकि डॉ. गोर्हे हमेशा ही यह दिखावा करती है कि, वे महिलाओं के भरपूर काम कर रही है.
इस मुद्दे को लेकर अपनी संतप्त प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सत्ताधारियों ने अपना दिमाख सही ठिकाने पर रखकर काम करना चाहिए और महिलाओं से संबंधित मुद्दों को लेकर कोई राजनीति भी नहीं की जानी चाहिए. लेकिन खुद महिला रहने के बावजूद डॉ. नीलम गोर्हे द्वारा महिलाओं के मुद्दे को लेकर हमेशा राजनीति ही करती रहती है. पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, विदर्भ एवं मराठवाडा क्षेत्र में कई सक्षम महिलाएं है. जिन्होंने महिला कल्याण हेतु भरपूर काम भी किया है. ऐसे में राजनीति को परे रखते हुए ऐसी महिलाओं को सरकार ने महिला आयोग में काम करने हेतु साथ लेना चाहिए. परंतु डॉ. नीलम गोर्हे यहां पर भी राजनीति कर रही है. यही वजह है कि, महिला आयोग की बैठक में विदर्भ एवं मराठवाडा क्षेत्र की किसी सक्षम महिला कार्यकर्ता को बुलाया ही नहीं गया. अत: ऐसी बैठक का समर्थन नहीं किया जा सकता.
इसके अलावा पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, कुछ प्रकरण चर्चा में आते है, उस समय सभी लोग ध्यान देते है, फिर बात आयी-गई हो जाती है. ऐसे में शक्ति कानून को क्रियान्वित करने और महिला आयोग की विभाग स्तर पर बैठक आयोजित करने अपेक्षा व्यक्त की. स्वयं एडवोकेट रही पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने आयोग की अध्यक्षा के कानूनी ज्ञान की आवश्यकता पर भी बल दिया.
* पूर्व सदस्य आशा मिरगे ने भी जताई नाराजगी
महिला आयोग की पूर्व सदस्या आशा मिरगे ने भी इस विषय को लेकर संताप व्यक्त करते हुए कहा कि, विदर्भ क्षेत्र से महिला आयोग पर काम कर चुकी चंद्रपुर की विजया बागडे, नागपुर की आभा पांडे, नीता ठाकरे तथा राज्य की महिला व बालकल्याण मंत्री रह चुकी अमरावती की यशोमति ठाकुर में से किसी को भी इस बैठक का निमंत्रण नहीं मिला. साथ ही साथ विदर्भ के 11 जिलो से एक भी महिला कार्यकर्ता इस बैठक में निमंत्रित नहीं थी. जिसका सीधा मतलब है कि, यह बैठक केवल अपनी राजनीतिक रोटीयां सेकने के लिए आयोजित की गई थी. ऐसी प्रवृत्ति का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह राज्य की सर्वसामान्य महिलाओं के हितों से जुडा हुआ मामला है.