अमरावती

कल पृथ्वी के करीब आएगा नेपच्यूून

अमरावती  प्रतिनिधि/दि.१० – सूर्यमाला के सबसे आखरी ग्रह ११ सितंबर को पृथ्वी के नजदिक आ रहा है. यह ग्रह सूर्य के ठीक सामने रहेगा. इसे खगोलशास्त्र में प्रतियूति भी कहा जाता है. प्रतियूति के दौर में पृथ्वी से ग्रह की दूरी काफी कम होती है. इस दौर में पृथ्वी से ग्रह का निरिक्षण बेहतर ढंग से किया जा सकता है. सूर्यमाला की एक फेरी पूर्ण करने के लिए नेपच्यून को १६५ वर्ष का अवधि लगता है. वह खूद के ईद्र-गिर्द एक फेरी १६ घंटों में पूरी करता है. बता दें कि, इस ग्रह को १३ सितंबर १८४६ में जर्मन वैज्ञानिक गॅले और लव्हेरिया ने लगाया था. इस ग्रह के १३ चांद है. इस ग्रह का व्यास ४८६०० किमी है. इस ग्रह के पृष्ठ हिस्से का तापमान मायनस २१४ अंश सेल्सिअस है. २४ अगस्त १९८९ में यह वायझर टू इस मानव रहीत यान नेपच्यून के पास पहुंचा था. सूरज से इस ग्रह की दूरी ४५२ करोड किमी है. फिके निले रंग का यह ग्रह दिखाई देता है. ११ सितंबर को यह ग्रह शाम पूर्व क्षितिज की दिशा में दिखेगा और तडके पश्चित क्षेत्र में अस्त होगा. यह ग्रह पूरी रात आसमान में दिखेगा. हालाकि इस ग्रह को सीधी आंखों से नहीं देखा जा सकता. इसके लिए दुर्बिन की आवश्यकता है. इससे पहले सोमवार ९ सितंबर को यह ग्रह पृथ्वी के नजदिक आया था. यह जानकारी मराठी विज्ञान परिषद विभाग के अध्यक्ष प्रविण गुल्हाने व हौशी खगोल अभ्यासक विजय गिरुलकर ने दी है. इस घटना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए ९६३७३८४८१२ इस मोबाइल नंबर पर संपर्क किया जा सकता है.

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