अमरावती

पुराने रेलवे पुल को तोडकर नए पुल का होगा निर्माण

नए पुल के लिए वायडक्ट तकनीक का होगा प्रयोग

* पुल के निर्माण में आयेगी 90 करोड रुपए की लागत
* मौजूदा रैम्प पध्दति वाले पुल को हो चुके 52 वर्ष पूर्ण
अमरावती/ दि.4 – शहर के बीचों-बीच स्थित अमरावती रेलवे स्टेशन से निकलने वाली रेलवे पटरियों के उपर से गुजरने हेतु करीब 52 वर्ष पहले सन 1970-71 रेलवे पुलिया का निर्माण किया गया. राजकमल व जयस्तंभ तथा रेलवे स्टेशन चौक व हमालपुरा मार्ग को आपस में जोडने वाले इस पुल का निर्माण रैम्प पध्दति किया गया था और अब यह पुल कुछ हद तक जीर्ण-शीर्ण हो चुका है. साथ ही इस पुल में रास्ते व दीवारों पर जगह-जगह दरारे भी पड गई है. ऐसे में अब इस पुल को गिराकर उसके स्थान पर 90 करोड रुपए की लागत से नई वायडक्ट टेकनीक के जरीये पिल्लर पर आधारित रहने वाले नए पुल का निर्माण किया जाएगा. इस नए पुल का निर्माण करने हेतु करीब 1 वर्ष का समय लगना है. साथ ही नए पुल का निर्माण शुरु करने से पहले पुराने पुल को गिराना होगा. जिसके लिए रेल महकमे के साथ जल्द ही मनपा एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व्दारा पत्र व्यवहार किया जाएगा. क्योंकि यह पुल रेलवे स्टेशन और रेलवे पटरी के उपर से होकर गुजरता है. इसके साथ ही मौजूदा पुल को गिराने की कार्रवाई शुरु करते ही यहां से होने वाली आवाजाही के लिए पर्यायी व्यवस्था भी करनी होगी. क्योंकि शहर के बीचो-बीच स्थित इस पुल से पूरा दिन वाहनों की बडे पैमाने पर आवाजाही होती है और रेलवे पटरियों की वजह से दो हिस्से में बटे अमरावती शहर के कई हिस्से इसी पुल के जरिये आपस में जुडते है.
बता दें कि, वर्ष 1970-71 में बनाए गए इस पुल के साथ ही पैदल यात्रियों के लिए नीचे उतरने हेतु दो से तीन स्थानों पर फुटपाथ से लगकर सीढियां भी बनाई गई थी. जो काफी हद तक जर्जर हो गई है, ऐसे में इन सीढियों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. इसके साथ ही इस पुल की काँक्रिट रेलिंग भी कई स्थानों से टूट-फूट गई है. इसे भी दो साल पहले दुरुस्त किया गया. इसके अलावा रेलवे पुल पर बनी सडक पर भी आये दिन कही न कही दरार बन जाती है. जिससे सडक क्षतिग्रस्त होती है, जिसे समय-समय पर दुरुस्त किया जाता है. ऐसे में यह पुल और कितने दिन टीका रहेगा यह तय नहीं. जिसके चलते मनपा व्दारा अभी से ही पुराने पुल को तोडकर नए पुल के निर्माण की योजना तैयार की जा रही है. जिसके चलते मनपा ने सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के पास नए पुल का बजट तैयार करने हेतु प्रस्ताव भेजा था और सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने इस पुल का सर्वे भी पूरा कर लिया. साथ ही प्रस्तावित पुल के मॉडल का करीब 50 फीसद प्रारुप संकल्प चित्र भी तैयार कर लिया गया है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष पर्व एवं त्यौहार तथा शीतकालिन सत्र की गहमागहमी चलती रही. साथ ही शहर में चित्रा चौक से नागपुरी गेट की ओर जाने वाले फ्लाय ओवर पर काम चल रहा है. जिसमें सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की काफी व्यस्तता रही. जिसके चलते संकल्प चित्र का काम पूरा नहीं हो पाया, लेकिन अब जल्द ही इस संकल्प चित्र को पूरा करते हुए नए पुल के निर्माण हेतु निधि मिलने के लिए सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व्दारा सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा.
बॉक्स/फोटो डॉ. अनिल बोंडे
सांसद बोंडे ने तीन माह पूर्व उठाया था मामला
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने तीन माह पहले ही मनपा के नाम एक पत्र जारी करते हुए कहा था कि, रेलवे स्टेशन पर बना रेलवे पुल काफी पुराना हो चुका है. ऐसे में भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए यहां पर पुराने पुल को तोडकर नया प्रशस्त पुल बनाया जाए. सांसद डॉ. बोंडे व्दारा लिखे गए पत्र के बाद ही मनपा स्तर पर नए रेलवे पुल के निर्माण की हलचले तेज हुई.

ऐसा रहेगा नया पुल
वायडक्ट तकनीक से बनाया जाने वाला नया पुल पूरी तरह से पिल्लरों पर आधारित रहेगा. जिसके चलते इस पुल के नीचे पार्किंग व प्रसाधनगृह की व्यवस्था भी रहेगी. यह पुल राजकमल चौक से रुख्मिणी नगर के रास्ते तक फिलहाल मौजूद पुल के आकार वाला ही रहेगा. साथ ही मौजूदा पुल की तरह ही नए पुल में भी जयस्तंभ चौक व रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले दो उतार रहेंगे. इनका निर्माण भी पिल्लर पर ही किया जाएगा और इस हिस्से में भी पुल के नीचे पार्किंग की सुविधा रहेगी.

भविष्य की जरुरतों का रखा जाएगा ध्यान
रेलवे स्टेशन पर बनाए जाने वाले पुल का निर्माण भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. जिसके तहत इस पुल को इर्विन चौक से राजापेठ के बीच बनाए गए उडान पुल के साथ कैेसे जोडा जा सकता हैै, इसपर भी विचार शुरु है. यदि यह विचार अमल में लाया जाता है, तो इस पुल से एक रास्ता सीधे इर्विन, राजापेठ से जाकर मिलेगा. जिसके चलते राजापेठ की ओर जाने वाले वाहन इस पुल के जरिये सीधे फ्लाय ओवर पर जा सकेंगे. जिससे राजकमल चौक पर होने वाली वाहनों की भीड-भाड कम करने में सहायता मिलेगी. इसके अलावा रेलवे पुल के नीचे दाये व बाये और से दो रास्ते उतरेंगे. जिसमें से बाई ओर वाले वाहन राजकमल चौक की ओर जाएंगे. वहीं दाहीनी ओर से नीचे उतरने वाला रुख्मिणीनगर की ओर जाएगा. साथ ही दो अलग-अगल रास्ते रेलवे स्टेशन चौक और जयस्तंभ चौक की ओर नीचे उतरेंगे, ऐसी जानकारी मनपा व सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व्दारा दी गई है.

मनपा ने भेजा प्रस्ताव
रेलवे पुल का निर्माण हुए 52 साल का समय बीत चुका है. ऐसे में अब यहां पर कुछ हद तक जर्जर हो पुराने पुल को गिराकर नया पुल तैयार करने पर विचार करते हुए मनपा प्रशासन ने बजट पत्र तैयार करने का प्रस्ताव सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के पास भेजा है. जिसपर सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व्दारा काम शुरु कर दिया गया है.
– जीवन सदार,
तकनीकी सलाहकार, महानगर पालिका

पुल का सर्वेक्षण हुआ
रेलवे स्टेशन पर स्थित मौजूदा पुल और यहां पर बनाये जाने वाले नए पुल का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है. इसे लेकर जो अंदाजपत्रक तैयार हुआ है, उसके अनुसार नए पुल के लिए 90 करोड रुपए का खर्च आना अपेक्षित है. नए पुल का निर्माण वायडक्ट तकनीक के जरिये पिल्लर खडे करते हुए किया जाएगा.

पुराने पुल की तरह होगी नए पुल की लंबाई-चौडाई
फिलहाल अस्तित्व में रहने वाले रेलवे पुल की लंबाई व चौडाई के बराबर ही नए पुल का निर्माण किया जाएगा. क्योंकि इस पुल के दोनों ओर बहुमंजिला ईमारतें है. वहीं मौजूदा रैम्प पुल की वजह से पुल की दोनों ओर रहने वाले इलाके एक-दूसरे से कटे हुए है, लेकिन वायडक्ट तकनीक से नए पुल का निर्माण होने के बाद अंबापेठ से सीधे जयस्तंभ जाना संभव होगा. साथ ही जयस्तंभ चौक के पास स्थित रायली प्लॉट से नेहरु मैदान, रेलवे स्टेशन से हमालपुरा इन सभी इलाकों के बीच

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