बदलते दौर में मीडिया के सामने नई चुनौतियां
संपादक अनिल अग्रवाल का प्रतिपादन
* तिवसा शहर में मना पत्रकार दिवस
तिवसा/दि. 8 – 6 जनवरी 1832 को आचार्य बालशास्त्री जांभेकर ने दर्पण नामक अखबर शुरु किया था. जिसके बाद करीब 175 वर्षों का समय मराठी पत्रकारिता ने अनुभव किया और इस दौरान बदलते दौर के कई बदलावों का सामना भी मराठी पत्रकार जगत ने किया. स्वाधिनता आंदोलन के दौरान राजनीतिक भान निर्माण करनेवाली, कई सामाजिक बदलावों हेतु आग्रही रहनेवाली पत्रकारिता पेन से कम्प्युटर तथा खिले जोडने से लेकर डिजिटल प्रिंटींग से होते हुए अब टीवी न्यूज चैनल और हाथ में रहनेवाले मोबाइल के जरिए समय-समय पर होनेवाले अपडेट जैसी पत्रकारिता तक पहुंची है. इन सभी बदलावों के साथ खुद को जोडते हुए मीडिया को कई चुनौतियों का सामना भी करना पडा है. तथा मौजूदा दौर में हमारे सामने कई तरह की नई चुनौतियां है, इस आशय का प्रतिपादन जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष तथा दैनिक अमरावती मंडल व मातृभूमि के संपादक अनिल अग्रवाल द्वारा किया गया.
विगत 6 जनवरी को दर्पणकार आचार्य बालशास्त्री जांभेकर की जयंती अवसर पर तिवसा शहर के यादवराव देशमुख कला व वाणिज्य महाविद्यालय में तिवसा मराठी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित पत्रकार दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संपादक अनिल अग्रवाल ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. इस समय व्यासपीठ पर तहसीलदार मयूर कडसे, पुलिस उपनिरीक्षक सुनील पाटिल, यादवराव देशमुख महाविद्यालय के प्राचार्य हेमंत देशमुख, प्रमुख वक्ता रवि मानव, राष्ट्रीय कीर्तनकार इंजी. भाऊसाहेब थुटे, नगराध्यक्ष योगेश वानखडे व सांझा ग्राम सामाजिक संस्था के संचालक अमोल मानकर व जयश्री मानकर उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम के प्रारंभ में दर्पणकार आचार्य बालशास्त्री जांभेकर की प्रतिमा का पूजन कर दीप प्रज्वलन किया गया. जिसके उपरांत उपस्थित गणमान्यों ने पत्रकार दिवस पर अपने समयोचित विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम में संचालन वैष्णवी काजलकर तथा आभार प्रदर्शन हेमंत निखाडे ने किया. इस अवसर पर तिवसा मराठी पत्रकार संघ के संदीप राऊत, प्रशिक मकेश्वर, जयंत निखाडे, संदीप दहाट, विजय क्षीरसागर, अंकूश बोके, अतुल खुले, राहुल येरणे, प्रफुल मकेश्वर, नंदू मते, सुनील घोरमाडे व जगदीश चतूर सहित अनेकों पत्रकार उपस्थित थे.
* मानकर दंपति का हुआ सत्कार
अपने परिवार से विभक्त रहनेवाली अत्याचारग्रस्त महिलाओं का पुनर्वसन करनेवाली सांझा ग्राम सामाजिक संस्था के संचालक अमोल मानकर व जयश्री मानकर का व्यासपीठ पर उपस्थित गणमान्यों के हाथों शाल-श्रीफल व सन्मानचिन्ह प्रदान कर यथोचित सत्कार किया गया. इस समय सभी गणमान्यों ने मानकर दंपति द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्य की मुक्तकंठ से प्रशंसा की.