* 500 साल पुरानी है, ऐतिहासिक धरोहर
परतवाडा/ दि.8 – अचलपुर की ऐतिहासिक धरोहर परकोटा का हाल ही में नया निर्माण कार्य किया गया था. वह दीवार ढह गई. परकोटे की दीवार के संरक्षण व सौंदर्यीकरण के प्रति पुरातत्व विभाग की उदासिनता के कारण नवनिर्मित परकोटे की दीवार कही जगह से ढह चुकी है. अचलपुर शहर के बिलनपुरा, चावलमंडी, मावेशपुरा क्षेत्र में भव्य और अति प्राचीन परकोटे की दीवार जर्जर हो चुकी है. पुरातत्व विभाग ने हाल ही में करोडों रुपए की लागत से इस दीवार का निर्माण कार्य करवाया था. नवनिर्मित दीवार ढह जाने के कारण उसकी गुणवत्ता पर सवालिया निशान उठाया जा रहा है.
अचलपुर के इस परकोटे के ढहे इस प्राचीन ढाचे को सहेजकर अचलपुर को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की मांग शहरवासियों व्दारा की जा रही है, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार ने इस बारे में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए. इसकी वजह से मालवेशपुरा क्षेत्र में परकोटे की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. खास बात यह है कि, इस क्षेत्र का दीवार का निर्माण कार्य कुछ साल पहले ही पुरातत्व विभाग व्दारा किया गया था. अब वक्त आ गया है कि, पुरातत्व विभाग के अधिकारी गिरे हुए ढांचे की वर्तमान स्थिति संबंधित रिपोर्ट सरकार के समक्ष रखे, इस दिशा में ठोस कदम उठाए. एक तरफ दो साल पूर्व परकोटा ढह गया, तो केंद्र सरकार ने सुरक्षा दीवार और ढहा गड बनाने के लिए करोडों रुपए खर्च किये थे. दो साल पहले ही किया गया निर्माण कार्य जर्जर हो गया, जबकि 400-500 साल पूर्व बना परकोटा आज भी खडा है. शहरवासियों व्दारा इसकी जांच करने की मांग की गई है.