जिले में 8 माह बाद मिला कोविड का नया मरीज
नये वैरियंट को लेकर अभी संभ्रम, पुणे की लैब में भेजा गया सैम्पल
* रिपोर्ट मिलने में लग सकता है 15 दिन का समय, मरीज को कराया गया सुपर स्पेशालिटी में भर्ती
* कोविड के संभावित खतरे को देखते हुए जिला व स्वास्थ्य प्रशासन एक बार फिर हाई अलर्ट पर
* पहले की तरह की जा रही तमाम तैयारियां, अस्पताल सहित प्रयोगशाला को किया गया चूस्त-दुरुस्त
अमरावती /दि.25- इस समय पूरी दुनिया पर एक बार फिर कोविड वायरस के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है तथा कई स्थानों पर कोविड के नये सबवैरियंट जेएन-1 नामक वायरस के प्रादूर्भाव को लेकर हडकंप मचा हुआ है. जिसके चलते जिला एवं स्वास्थ्य महकमें को हाई अलर्ट पर रखते हुए सरकारी अस्पतालों व विषाणु परिक्षण प्रयोगशालाओं को एक बार फिर तैयार किया जा रहा है, ताकि बडी संख्या में कोविड संक्रमित मरीज पाये जाने वाली स्थिति में मरीजों को भर्ती करते हुए उनका इलाज शुरु करने की व्यवस्थाएं चूस्त-दुरुस्त रहे. इसके साथ ही कोविड सदृश्य लक्षण रहने वाले मरीजों की कोविड टेस्ट करने का काम भी शुरु कर दिया है. जिसके चलते करीब 8 माह के अंतराल पश्चात परसो शनिवार को अमरावती जिले में एक व्यक्ति की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटीव आयी. 8 माह के अंतराल पश्चात पहली बार अमरावती जिले में कोविड संक्रमित मरीज पाये जाने के चलते अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है. साथ ही कही उक्त मरीज में कोविड के जेएन-1 नामक नये सबवैरियंट का संक्रमण तो नहीं, यह जानने के लिए उक्त मरीज के थ्रोट स्वैब सैम्पल को जिनोम सिक्वेसिंग टेस्ट के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु परिक्षण प्रयोगशाला में भिजवाया गया है. जहां से इस सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट आने में करीब 15 दिनों का समय लग सकता है.
जानकारी के मुताबिक अचलपुर तहसील क्षेत्र के धामणगांव गढी परिसर में रहने वाले एक युवक को किडनी स्टोन से पीडित रहने के चलते इलाज हेतु जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां ऐहतियाती तौर पर उक्त मरीज का थ्रोट स्वैब सैम्पल लेकर उसे आरटीपीसीआर टेस्ट हेतु संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ परिसर स्थित सरकारी कोविड टेस्ट लैब में भिजवाया गया. शनिवार को कुल 9 संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पल जांच हेतु भिजवाये गये थे, जिनमें से धामणगांव गढी परिसर में रहने वाले व्यक्ति की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटीव आयी, यह जानकारी मिलते ही उक्त मरीज को जिला सामान्य अस्पताल से सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के स्पेशल वार्ड मेें रेफर कर दिया गया. जहां उसे सबसे अलग रखते हुए उसका इलाज किया जा रहा है. वहीं कल रविवार 24 दिसंबर को केवल एक कोविड संदेहित मरीज का सैम्पल जांच हेतु भिजवाया गया था. जिसकी रिपोर्ट निगेटीव रही. इसके अलावा आज सोमवार को किसी भी कोविड संदेहित मरीज का थ्रोट स्वैब सैम्पल जांच हेतु सरकारी कोविड टेस्ट लैब में नहीं भिजवाया गया, ऐसी जानकारी है.
* हम अपनी ओर से पूरी तरह तैयार
कोविड संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए हम अपनी ओर से पूरी तरह तैयार है. हमें जिला शल्यचिकित्सक कार्यालय की ओर से कोविड संदेहित मरीजों की आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए पर्याप्त मात्रा में वीटीएम स्ट्रीप प्राप्त हो चुकी है. जिनके जरिए कोविड संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच का काम चल रहा है. इसके साथ ही शनिवार को कोविड पॉजिटीव पाये गये मरीज के थ्रोट स्वैब सैम्पल को जिनोम सिक्वेन्सिंग टेस्ट के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशाला में भिजवा दिया गया है. राष्ट्रीय प्रयोगशाला में इस टेस्ट के लिए एक ही समय पर कम से कम 4 सैम्पलों का होना जरुरी होता है. साथ ही एक प्लेट पर एक ही समय पर अधिकतम 16 सैम्पलों की जांच की जा सकती है. यदि पुणे स्थित प्रयोगशाला में इस समय अलग-अलग स्थानों से आये कम से कम 4 सैम्पल उपलब्ध होंगे, तो अगले 2-3 दिनों में अमरावती के कोविड पॉजिटीव मरीज की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएंगी. अन्यथा रिपोर्ट मिलने में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है.
– डॉ. प्रशांत ठाकरे,
नोडल अधिकारी,
सरकारी कोविड टेस्ट लैब, संगाबा अमरावती विद्यापीठ
* कोविड त्रिसूत्री का पालन करें सभी
फिलहाल कोविड सब वैरियंट के खतरे को देखते हुए सभी लोगों ने एक बार फिर पहले की तरह मास्क, सैनिटाइजर व सोशल डिस्टंसिंग की कोविड त्रिसूत्री का अवलंब करते हुए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना चाहिए. जिला एवं स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा कोविड के संभावित संक्रमण व खतरे से निपटने हेतु अपने स्तर पर तमाम तैयारियां की जा रही है. लेकिन इसमें नागरिकों का स्वयंस्फूर्त सहयोग मिलना भी बेहद आवश्यक है. ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति ने अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्य व सुरक्षा को लेकर सजग व सतर्क रहते हुए प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए, ताकि अमरावती शहर सहित जिले में कोविड की संभावित लहर को टाला जा सके.
– सौरभ कटियार,
जिलाधीश, अमरावती