‘ब्रिटीशकालीन विश्रामगृह’ पुस्तक की नई आवृत्ति प्रकाशित
प्र. सू. हिरुरकर की लेखनयात्रा का नया पडाव
* कोल्हापुर के रावा प्रकाशन ने पेश की कल्पक पुस्तक
अमरावती /दि.16-वन्यजीव लेखक प्र. सू. हिरुरकर द्वारा लिखित ‘पडाव : रानावनातील ब्रिटीशकालीन विश्रामगृहे’ पुस्तक की नई आवृत्ति का हाल ही में गुढीपाडवा के शुभ पर्व पर प्रकाशन किया गया. इससे पहले यह पुस्तक वर्ष 2013 में नागपुर की ऋचा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई थी. जिसे नई संकल्पना के साथ कोल्हापुर स्थित रावा प्रकाशन के प्रकाशक राहुल प्रताप कुलकर्णी ने बेहद आकर्षक कलेवर के साथ प्रकाशित किया है.
प्र. सू. हिरुरलकर की इस पुस्तक में महाराष्ट्र के जंगलों में अंग्रेजों द्वारा 100-150 वर्ष पहले बनाये गये विश्रामगृहों की जानकारी व छायाचित्र है, जो महाराष्ट्र के कई पाठकों एवं वन्य प्रेमियों की पसंद पर खरी उतरी है. वन्यजीव लेखक प्र. सू. हिरुरकर विगत 4 दशकों से देश के कई जंगलों में भटकंती व निरीक्षण करते हुए लेखन करते है तथा वन एवं वन्यजीव पर उनकी अब तक 11 किताबें प्रकाशित हो गई है. जिसमें तीन ई-बुक का भी समावेश है. साथ ही अब उनके द्वारा प्रकाशित पुस्तक की नई आवृत्ति के मुखपृष्ठ व मलपृष्ठ को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया गया है. साथ ही इस पुस्तक के भीतरी पृष्ठों पर विविध विश्रामगृहों के रेखाचित्र भी निकाले गये है. जिसके चलते यह किताब बेहद आकर्षक व वाचनीय हो गई है.