* शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय में विशेष व्याख्यान
अमरावती/ दि.29– शिक्षा महर्षि भाऊसाहब देशमुख को पंडित जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्र भारत का पहला कृषिमंत्री बनाया. कृषि मंत्री बनने के बाद शिक्षा महर्षि ने यहां के युवा पढ लिखकर आगे बढे, इसके लिए शिक्षा संस्थाएं निर्माण की, लेकिन आज भी किसानों की समस्याओं को उठाने वाले लोगों की कमी हैं. इसलिए युवा पीढी ने आगे आना चाहिए. राष्ट्र निर्मिति में युवा पीढी का योगदान महत्वपूर्ण है, इस आशय का प्रतिपादन अकोला के युवा वक्ता अक्षय राउत ने व्यक्त किये.
वे शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय के अमृत महोत्सव वर्ष पर और शिक्षा महर्षि डॉ.पंजाबराव देशमुख की 123वीं जयंती निमित्त महाविद्यालय के डॉ.पंजाबराव देशमुख सभागृह में आयोजित विशेष व्याख्यान में बोल रहे थे.
अध्यक्षता शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले ने की. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रामेश्वर भिसे, सांस्कृतिक समिति के समन्वयक डॉ.वैशाली देशमुख प्रमुखता से मौजूद थे. कार्यक्रम में अक्षय राउत का शाल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया. संचालन सुवर्णा गाडगे ने किया. आभार डॉ.अपर्णा सरोदे ने माना.
कृषि विकास के लिए निवेश भी जरुरी
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था रहने वाली खेती व प्रमुखता से किसानों का विकास करने के लिए तकनीकी के साथ ही निवेश भी इसी क्षेत्र में करना जरुरी है. यह भाऊसाहब देशमुख को पता था, लेकिन आज भी शेअर बाजार कृषि क्षेत्रों मेें निवेश नहीं कर रहा है. निवेश के सिवाय खेती बाडी को औद्योगिक दर्जा प्राप्त नहीं होगा, इसलिए कृषि क्षेत्र में निवेश करना जरुरी होने की बात वरिष्ठ साहित्यीक तथा विचारक डॉ.वामन गवई ने किया. इस समय परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक डॉ.हेमंत देशमुख, शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय ज्ञानस्त्रोत केंद्र के संचालक डॉ.महेंद्र मेटे, पूर्व प्रधान कुलगुरु तथा वनस्पति शास्त्र विभाग प्रमुख डॉ.जयकिरण तिडके, प्रबंधन परिषद सदस्य सुनील मानकर, अर्थशास्त्र विभाग प्रमुख डॉ.रविंद्र सरोदे, डॉ.सुरेश जगताप आदि उपस्थित थे.