अमरावती

बीजांकुर पर कीड़ों का नया संकट

बारिश न होने से दोबारा बुआई की नौबत आने की संभावना

अमरावती/दि.27– मानसून सक्रिय नहीं है फिर भी कुछ भागों में विगत 18 जून को दमदार बारिश होने से अब तक 40,447 हेक्टर पर बुआई हुई है. अब कुछ भागों में बिजांकुर ऊपर आते समय उन पर उन्हें कीड़े नष्ट कर रहे हैं.
इस बार खरीफ के लिए 6,81,710 हेक्टर क्षेत्र है. जिसकी तुलना में शुक्रवार तक 40,447 हेक्टर क्षेत्र में बुआई हुई. यह 5.93 प्रतिशत है. अब तक साढ़े छह लाख हेक्टर पर बुआई बाकी है. जिन भागों में बुआई हुई है, वहां फसलों के बीजांकुर निकल रहे हैं. मात्र बारिश का पता न होने से अंकुरित बीजों को कीड़ा (खुरपडी) नष्ट कर रहा है. ऐसी स्थिति में कुछ दिनों बाद अंकुरित बीजों को नष्ट करने से दोबारा बुआई की नौबत आ सकती है, ऐसा किसानों का कहना है.
दरमियान कोमल फसलों पर उपाययोजना के संदर्भ में कृषि विभाग द्वारा किसानों को मार्गदर्शन किये जाने की जानकारी इस कार्यालय ने दी.
* क्या है खुरपडी
कृषि शास्त्रज्ञों बताया कि बुआई हुए खेतों में पक्षी, नागतोड़ा, रात कीड़ा, गिलहरी,कमवार्म इल्ली व वाणी आदि कोमल फसलों पर या बीजांकुर पर टूट पड़ते हैं. इन सभी कीड़ों को खुरपडी कहते हैं.
* यह है उपाययोजना
पीकेवी के वरिष्ठ कीटकशास्त्रज्ञ डॉ. अनिल ठाकरे के अनुसार क्लोरोपॉयरीफॉस 1.5 प्रतिशत व मिईलपॅराथीऑन इन दो पाउडर का 20 से 25 किलो डस्टिंग करे या क्लोरोपॉयरीफॉस 20 प्रतिशत, 37 मिली 10 लिटर पानी में मिलाकर फवारणी करें.

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