बाबा साहेब के पत्रकारिता जीवन से सीखें नव पत्रकार- डॉ. कुशवाहा
महापरिनिर्वाण दिवस पर आईआईएमसी में बाबासाहब का किया पुण्य स्मरण
अमरावती/दि.6– बाबासाहब ने जनता के उत्थान और समाज को दिशा देने के लिए जिस तरह से पत्रकारिता को माध्यम बनाया, संस्थान में पत्रकारिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को उनका अनुसरण करना चाहिए. उनके सामाजिक और पत्रकारिता जीवन से भावी पत्रकार बहुत कुछ सीख सकते हैं. इस तरह का वक्तव्य भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), पश्चिम क्षेत्रीय परिसर, अमरावती के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने व्यक्त किए. वे बुधवार को भारतीय संविधान के जनक, मूर्धन्य विचारक व समाज सुधारक बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के 68 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आईआईएमसी, पश्चिम क्षेत्रीय परिसर, अमरावती के शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
इस अवसर पर बाबा साहेब के व्यक्तित्व और पत्रकारिता को उनके योगदान के विषय पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबासाहब ने देश के संविधान, समाज को अविस्मरणीय को अभूतपूर्व योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. लेकिन, उनका पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है, जिस पर कम ही चर्चा हुई है. कार्यक्रम का संचालन डॉ. विनोद निताले ने किया. इस अवसर पर आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय परिसर के डॉ. आशीष दुबे, प्रा. चैतन्य कायंदेपाटिल, संदीप अग्रवाल, राजेश झोलेकर, अनंत नांदुरकर, भूषण मोहोकर, नूर मोहम्मद शेख, कोमल इंगले, बालासाहब फरतोड़े, मंदा पवार, नंदा तुप्पट सहित हिंदी, मराठी व अंग्रेजी पत्रकारिता के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.