अमरावती/दि.17 – विगत अनेक दिनों से राज्य सेवा में नया लिखित पैटर्न वर्ष 2025 से लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. जिसके चलते विगत 31 जनवरी को सरकार ने इस मांग को मान्य करते हुए पुराने वस्तुनिष्ठ पैटर्न को वर्ष 2025 तक कायम रखने की बात कहीं थी. लेकिन अब तक इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बल्कि सरकार द्बारा तालमटोल की जा रही है. ऐसे में इस विषय को लेकर स्पष्ट नीति व निर्णय घोषित करते हुए 75 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया को ततकल शुरु किया जाना चाहिए. इस आशय की मांग का ज्ञापन एमपीएससी के परीक्षार्थियों द्बारा जिलाधीश को सौंपा गया है.
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, विद्यार्थियों द्बारा एमपीएससी के वर्णनात्मक पैटर्न का परीक्षार्थियों द्बारा कोई विरोध नहीं किया जा रहा. परंतु इस नये पैटर्न को वर्ष 2023 की बजाय वर्ष 2025 से लागू किया जाना चाहिए. ताकि एमपीएससी की परीक्षा देने के इच्छूक परीक्षार्थियों को नये पैटर्न के हिसाब से पढाई करने हेतु पूरा समय मिले. ज्ञापन सौपते समय चेतन जायले, सुशांत पोरे, कुलदीप विधले, विकी तायडे, नितिन ठाकरे, जीवन राठोड, प्रफुल राउत, मंगेश झाडे, सुहास झाडे, राकेश राउत, सागर भोले, अमोल मसले, प्रवीण लांबाडे, प्रज्वल अवघड, अभिलाष जामोदकर, अखिल कोकाटे, शशांक ठाकरे, तेजल वडतकर व प्राजक्ता ठाकरे आदि उपस्थित थे.