अमरावतीमहाराष्ट्र

रेत विक्री की नई नीति बेअसर

23 घाटों की नहीं हुई नीलामी

* पुराने पद्धति का ही अवलंब होने की संभावना
अमरावती/दि.1– पिछले वर्ष से पहली बार रेती को लेकर नई नीति में रेत डिपो की संकल्पना सरकार की ओर से रखी गई थी. परंतु यह नीति पूरी तरह से बेअसर साबित होती दिखाई दे रही है. क्योंकि गत वर्ष अमरावती जिले के 33 रेत घाटों में से केवल 31 घाटों पर ही प्रशासन द्वारा रेत डिपो शुरु किए जा सके. वहीं अन्य स्थानों पर इस रेत डिपो को कोई प्रतिसाद नहीं मिला. जिसके चलते अब एक बार फिर सरकार द्वारा पुरानी नीलामी पद्धति पर अमल करने को लेकर विचार किया जा रहा है. हालांकि अब तक इसे लेकर कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुए है. ऐसे में इस वर्ष रेत घाटों की नीलामी होती है या रेत डिपो बनाए जाते है, इसे लेकर अच्छी-खासी चर्चा चल रही है. बता दें कि, इस समय जिले के 44 रेत घाट बंद है. सर्वसामान्य नागरिकों को 600 रुपए प्रति ब्रास की दर पर रेत उपलब्ध कराने हेतु सरकार ने रेत विक्री की नई नीति बनाते हुए उसे अमल में लाना शुरु किया. इसमें उपलब्ध रहनेवाले घाट से रेत का संकलन करते हुए वहां पर प्रशासन द्वारा रेत डिपो शुरु किए जा रहे थे और इन रेत डिपो को चलाने हेतु दिया जा रहा था. इन रेत डिपो से केवल 600 रुपए प्रति ब्रास की दर पर ऑनलाइन पंजीयन करने पर रेत विक्री हेतु उपलब्ध कराई जा रही थी. इस प्रक्रिया का आम नागरिकों को फायदा हो रहा था. लेकिन रेत डिपो के लिए ठेकेदारों को कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा था. जिसके चलते पूरे सालभर के दौरान प्रशासन द्वारा 44 में से केवल 21 रेत डिपो भी शुरु किए जा सके. वहीं शेष 23 रेत घाट बंद कर दिए गए.

* रेत नहीं मिलने से घरकुलों का काम अधूरा
जिले में सरकार द्वारा घरकुल योजना का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके तहत 39 हजार नए घरकुल बनाए जाने है. परंतु इसके लिए आवश्यक रहनेवाली रेत ही नहीं मिलने के चलते नागरिकों के घरकुलों का काम अधूरा रहने की संभावना जताई जा रही है. फिलहाल रेत डिपो बंद पडे है और घाटों की नीलामी भी शुरु नहीं हुई है. जिसकी वजह से रेत मिलना काफी मुश्कील हो गया है.

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