अमरावती/दि.8- रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार हुआ रहा और शासकीय कर्मचारियों पर मामला दर्ज करना हो तो अब शासन की अनुमति लेनी पड़ेगी. रोगायो के एफआयआर के लिए शासन द्वारा तैयार किया गया यह नया नियम वर्तमान में जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
रोजगार गारंटी योजना जिले के आम नागरिकों को आधार देने वाली है. कृषि सत्र समाप्त हुआ कि लोगों को रोजगार के अभाव में खाली रहना पड़ता है. ऐसे समय रोजगार गारंटी योजना सहायक रहती है. राज्य शासन द्वारा 24 अप्रैल को एक आदेश जारी किया गया. इसके मुताबिक रोगायो के अथवा शासकीय अधिकारी-कर्मचारी पर मामला दर्ज करने के पूर्व शासन की तरफ से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है. इसी कारण रोगायो के एफआयआर के लिए नया नियम विवादास्पद साबित हो रहा है. रोगायो काम बाबत चार माह में पांच शिकायतें हुई है. इसमें कुछ शिकायत जांच के घेरे में है. जबकि कुछ की जांच पूर्ण हुई है. लेकिन इसमें सत्यता नहीं है, ऐसा दावा प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. यह योजना गरीब और जरुरतमंद लोगों के लिए है. इस कारण ऐसी योजनाओं पर अमल प्रामाणिकता से हो, अधिकारी व कर्मचारियों ने कर्तव्यनिष्ठ रहना चाहिए, ऐसी अपेक्षा नागरी संगठना ने व्यक्त की है. रोगायो के काम बाबत शिकायतें बढ़ी रहती, लेकिन इसमें तथ्य कम रहने का दावा जिला प्रशासन ने किया है. सभी व्यवहार अब ऑनलाइन हो गए हैं, ऐसा अधिकारियों का कहना है.
जिले में रोगायो के 884 काम पर 14 हजार मजदूर
दो सप्ताह से खंडविकास अधिकारियों द्वारा हड़ताल शुरु किए जाने से काम बंद है. वहीं दूसरी तरफ बेमौसम बारिश का वातावरण देखते हुए मिट्टी के काम कुछ मात्रा में ठप हो गए हैं. जिले में रोगायो के 884 कामों पर 14,713 मजदूरों को काम मिला है.