अमरावती

‘ब्रेक द चेन’ की नई नियमावली लागू

30 अप्रैल तक कडे प्रतिबंध रहेंगे जारी

  • जिलाधीश ने जारी की नई अधिसूचना

अमरावती/दि.23 – कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु ‘ब्रेक द चेन’ अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा संशोधित नियम जारी किये गये है. जिसके चलते जिलाधीश कार्यालय द्वारा प्रतिबंधात्मक नियमों को लेकर नई अधिसूचना जारी की गई है. ऐसे में अब आगामी 30 अप्रैल तक अमरावती जिले में संचारबंदी के कडे प्रतिबंधात्मक नियम लागू रहेेंगे. साथ ही प्रतिबंधात्मक नियमों का उल्लंघन होने पर संबंधितों को कडी कार्रवाई का सामना भी करना पडेगा.
इस संदर्भ में जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि, अब किसी भी विवाह समारोह में दुल्हा-दूल्हन सहित अधिकतम 25 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति रहेगी और यह विवाह समारोह दो घंटे के भीतर ही संपन्न करना होगा. यदि इस नियम का उल्लंघन होता है, तो विवाह समारोह के आयोजकों पर 50 हजार रूपये का दंड लगाया जायेगा. साथ ही जिस मंगल कार्यालय या मैरेज हॉल में यह विवाह समारोह आयोजीत किया गया है, उसे कोविड संक्रमण का दौर खत्म होने तक सील लगाकर बंद कर दिया जायेगा.
इसी तरह आगामी 30 अप्रैल तक अत्यावश्यक सेवाओं को छोडकर अन्य सभी सरकारी कार्यालयों में केवल 15 प्रतिशत कर्मचारियों को उपस्थित रहने की अनुमति रहेगी और केंद्र सरकार के सरकारी कार्यालय के संदर्भ में विभाग प्रमुख उपस्थिति के बारे में स्थानीय आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण की अनुमति से निर्णय ले सकेंगे. इसके अलावा सभी जीवनावश्यक सेवाओं से संबंधित कामकाज में भी कम से कम कर्मचारियों के साथ काम करना होगा और किसी भी स्थिति में ऐसे कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी से अधिक न हो, इस बात का ध्यान रखने का आदेश दिया गया है. हालांकि जीवनावश्यक सेवाओं को लोगों तक प्रत्यक्ष पहुंचाने के काम हेतू अधिकतम मनुष्यबल का प्रयोग किया जा सकता है.
जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा इस संचारबंदी के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया गया कि, इस नये आदेश को समूचे जिले में गुरूवार से ही लागू किया गया है. किंतु इस पर शुक्रवार से प्रत्यक्ष में अमल किया जायेगा.
इस आदेश के तहत राज्य परिवहन निगम की बसों को छोडकर अन्य निजी यात्री वाहनों को केवल आपातकालीन सेवा के लिए ही अनुमति दी जायेगी. इस समय वाहन में चालक सहित कुल क्षमता के केवल 50 फीसदी यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति रहेगी. यह नियम आंतरजिला व जिलांतर्गत वाहनों के लिए लागू नहीं होगा. बल्कि यात्री जिस शहर में रहते है, उसी शहर के लिए इस नियम पर अमल किया जायेगा. वहीं जीवनावश्यक सेवाओं की आपूर्ति तथा वैद्यकीय आपातकालीन प्रसंग या अंतिम संस्कार सहित यदि परिवार में कोई बीमार है, तो ऐसे हालात में आंतरजिला व आंतर शहर यात्रा को अनुमति दी जायेगी. इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधितों पर 10 हजार रूपये का दंड लगाया जायेगा.

यात्रियों को रहना होगा होम कोरोंटाईन

निजी यात्री बसें अपनी कुल आसन क्षमता के महज 50 फीसदी यात्रियों को ले जा सकेगी और किसी भी यात्री को बस में खडे रहकर यात्रा करने की अनुमति नहीं रहेगी. इसके अलावा शहर में इन बसों को केवल एक या दो स्थानों पर ही स्टॉपेज लेने की अनुमति रहेगी और सभी स्टॉपेज पर उतरनेवाले यात्रियों को 14 दिन होम आयसोलेशन में रहना होगा. जिसके लिए उन्हें अपने हाथ पर ठपका लगवाना होगा और यह ठप्पा बस कंपनी द्वारा लगाया जायेगा. साथ ही थर्मल स्कैनर का उपयोग करते समय किसी भी व्यक्ति में बूखार जैसे लक्षण दिखाई देने पर उसे तुरंत अस्पताल में भेजना होगा.

शहर में आनेवालों की कोविड टेस्ट का निर्णय स्थानीय प्रशासन पर

स्थानीय आपत्ति व्यवस्थापन प्रशासन द्वारा शहर में बस स्टैण्ड व रेल्वे स्टेशन जैसे स्थानों सहित सभी एंट्री पॉइंट पर बाहर से आनेवाले लोगों की रैपीड एंटीजन टेस्ट करने का निर्णय लिया जायेगा. जिसके लिए मान्यताप्राप्त प्रयोगशाला को इस काम की जवाबदारी दी जायेगी. इस टेस्ट हेतु लगनेवाला खर्च यात्रियों अथवा सेवा प्रदाता को करना होगा. यदि किसी बस सेवा कंपनी द्वारा इस नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो उनके लाईसेन्स को संक्रमण का प्रभाव खत्म होने तक रद्द कर दिया जायेगा.

रेल यात्रियों को भी हाथ पर ठप्पा व होम आयसोलेशन

स्थानीय रेलवे व रापनि अधिकारियों द्वारा आपत्ति व्यवस्थापन प्रशासन को लंबी दूरी की यात्रा करनेवाले और उनके कार्यक्षेत्र में आनेवाले यात्रियों की जानकारी देनी होगी. यात्री जिस स्थानक पर उतरेंगे, वहा स्टैम्पिंग कर उन्हें चौदह दिनों के लिए होम आयसोलेट किया जायेगा. साथ ही यात्रियों में यदि कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई देते है, तो उन्हें अस्पताल में भेजा जायेगा.

सरकारी कर्मचारियों को पहचानपत्र के आधार पर मिलेगी टिकट

सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को पहचानपत्र के आधार पर टिकट दिया जायेगा. साथ ही सभी वैद्यकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को उनकी वैद्यकीय संस्था द्वारा दिये गये पहचानपत्र के आधार पर टिकट अथवा पास जारी की जायेगी. वैद्यकीय सुविधा की आवश्यकता रहनेवाले किसी भी व्यक्ति या दिव्यांग व्यक्ति को अपने साथ एक अन्य व्यक्ति सहित यात्रा करने की अनुमति दी जायेगी. सार्वजनिक बसों में कुल क्षमता के 50 फीसद यात्री लिये जा सकेंगे और किसी भी यात्री को खडे रहकर यात्रा करने की अनुमति नहीं रहेगी.

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