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नूटा के अध्यक्ष रघुवंशी ने किया स्वागत
अमरावती दि.19 – अंशकालीन प्राध्यापक की नियुक्ति की नई कार्यपद्धति का कुछ संगठन यह कह कर विरोध कर रहे हैं कि, इससे प्राध्यापक पद भरती की शत-प्रतिशत मांग पर विपरीत असर होगा. इसी प्रकार पुणे की एक खास संगठन को ही तरजीह दिये जाने का भी आरोप किया जा रहा है. किंतु नूटा के अध्यक्ष प्रा. रघुवंशी ने सरकार के नये नियमों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि, नये नियम से अंशकालिन प्राध्यापक के सभी पद की भरती होगी. पहले यह पद खाली रहते थे.
* 10 वर्षों से पदभरती का संघर्ष
अंशकालीन प्राध्यापक संगठन और प्राध्यापक भरती महासंघ, शिक्षण क्रांति संगठन, आंबेडकर विद्यार्थी संगठन आदि ने प्रदेश में 100 प्रतिशत प्राध्यापक पद भरती हेतु गत 2 अक्तूबर को ही विविध जिलों में भीक मांगों आंदोलन किया था. सभी संगठन गत 10 वर्षों से पद भरती के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछली सरकार ने भी प्रभारी प्राध्यापक नीति बनाते समय पश्चिम महाराष्ट्र की एकमात्र संगठन को नीति में सहभागी किया था.
* समान वेतन की मांग
संगठन ने प्राध्यापक पद भरती के लिए कटीबद्ध होने का पुनरुच्चार करते हुए कहा कि, सहायक प्राध्यापक के रुप में नियुक्त होते समय जो वेतन दिया जाता है, वहीं वेतन तासिका या अंशकालीन प्राध्यापकों को भी दिया जाना चाहिए. उनका मानधन कॉलेज के माध्यम से सीधे बैंक खातों में जमा होना चाहिए. पुर्नकालीक रिक्त पद हेतु दो प्राध्यापकों की नियुक्ति होनी चाहिए. सरकार ने नये आदेश में यह बात मान्य कर ली है.
* संभावित समय सारणी
कार्य समय सीमा
कामकाज जांच 15 फरवरी
अनापत्ति प्रमाणपत्र 1 मार्च
अनापत्ति प्रामणपत्र देना 15 मार्च
विज्ञापन देना 1 अप्रैल
आवेदन जांच, इंटरव्यू, चयन 15 अप्रैल
नियुक्ति आदेश 30 अप्रैल
विद्यापीठ मान्यता 31 मई
तासिका प्राध्यापक सेवा प्रारंभ 15 जून