अमरावती

गुढी पाडवा पर्व पर 72 फुट झंडे पर चढायी जाती है नई खोल

पैर का स्पर्श न कर झंडे पर खोल चढाने की प्राचीन परंपरा

  • कोरोना की पार्श्वभूमि पर यात्रा महोत्सव रद्द

चांदूर रेल्वे/दि.13 – तहसील अंतर्गत आनेवाले सावंगा विठोबा यहां पर गुढी पाडवा के दिन से श्रीकृष्ण अवधूत महाराज यात्रामहोत्सव का आयोजन किया जाता है. गुढी पाडवा के दिन होने वाली इस यात्रा महोत्सव में हजारों अवधूत भक्त जिले सहित देशभर से यहां इकट्ठा होते है. किंतु पिछले एक साल से कोरोना महामारी के चलते यात्रा महोत्सव रद्द किया जा रहा है. इस साल भी समित भाविकों की उपस्थिती में ही गुढी पाडवा महोत्सव संपन्न किया जा रहा है.
हर साल गुढी पाडवा के दिन 72 फुट ऊंचे झंडे को नई खोल चढायी जाती है. इस खोल के लिए 50 मीटर कपडा लगता है. पुसदा गांव के अवधूत वाकोडे खोल सिने का काम नि:शुल्क करते है. आज से यात्रा महोत्सव की शुरुआत की गई है किंतु शासन द्बारा दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए है. कोरोना की पार्श्वभूमि पर केवल 25 भाविकों की उपस्थिती में उत्सव की शुरुआत की गई. गुढी पाडवा से महोत्सव का आयोजन किया जाता है तथा समापन रामनवमी के दिन किया जाता है.
हर साल गुढी पाडवा के उपलक्ष्य में जब झंडे को नई खोल चढायी जाती है, तब लाखों अवधूत भाविक यहां उपस्थित रहते है और अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए प्रार्थना करते है. लाखों रुपए का कपूर इस दिन जलाया जाता है. इस साल केवल 25 भाविकों की उपस्थिती में यात्रा महोत्सव की शुरुआत की गई. पिछले दो सालों से यात्रा महोत्सव कोरोना की पार्श्वभूमि पर रद्द किया जा रहा है. शासन द्बारा दिए गए निर्देशों के अनुसार इस साल भी समित भाविक ही उपस्थित रहे.

पैर के स्पर्श के बगैर चढायी जाती है खोल

गुढी पाडवा के दिन सावंगा विठोबा यहां श्रीकृष्ण अवधूत महाराज मंदिर परिसर में 72 फुट ऊंचे झंडे को नई खोल चढायी जाती है. जिसमें बगैर पैर का स्पर्श करे चरणदास कांडलकर खोल बदलते है. अनेकों वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है. झंडे की खोल सिने का काम पुसदा के अवधूत वाकोडे निशुल्क करते है. इस हृदय विदारक नजारे को देखने के लिए लाखों भाविक यहां इकट्ठे होते है. किंतु इस साल कोरोना की पार्श्वभूमि पर समिति भाविकों के बीच ही यह कार्यक्रम किया गया.

सांवगा विठोबा में तगडा पुलिस बंदोबस्त

हर साल गुढी पाडवा के उपलक्ष्य में लाखों भाविक यहां आते है, और मनोकामना पूरी करवाने हेतु कपूर जलाते है. किंतु इस साल भी शासन द्बारा दिए गए निर्देशों के अनुसार विविध कार्यक्रम रद्द कर दिए गए है. जिसमें भाविक यहां नहीं पहुंचे इसलिए रास्तों पर कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है. यहां 6 बडे अधिकारियों सहित 55 पुलिसकर्मी तैनात किए गए है.

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