अलग जाति-धर्म में शादी करने वालों के लिए नई ‘एसओपी
समूचे राज्य में बनेंगे सेफ हाउस
* पुलिस मुख्यालय में रहेगा विशेष कक्ष
* राज्यस्तरीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी
अमरावती/दि.18- अंतरजातीय व आंतरधर्मिय विवाह करने वाले जोडों की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत राज्य के गृह विभाग ने नई संशोधित मानक प्रणाली यानि एसओपी तय की है. जिसके मुताबिक राज्य के सभी जिलों में विशेष प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे और ऐसे जोडों के लिए सुरक्षित घरों की व्यवस्था की जाएगी. इस हेतु सरकारी विश्राम गृहों में कमरे आरक्षित होंगे और ऐसे जोडों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्यस्तरीय डायल 112 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. इस पूरे काम पर आने वाले खर्च का वहन सामाजिक न्याय विभाग करेगा. साथ ही इससे संबंधित नियमित रिपोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट को दी जाएगी.
बता दें कि, आंतरजातीय व आंतरधर्मिय विवाह करने वाले जोडों पर हमलों की खबरें आये दिन सामने आती है. जिन्हें ध्यान में रखते हुए ऐसे विवाहित जोडों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु महाराष्ट्र सरकार ने ऐसे जोडों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही उनके रहने की व्यवस्था करने के संदर्भ में बडा फैसला लिया है. साथ ही इसे लेकर राज्य के गृह विभाग ने 16 दिसंबर को ही राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के नाम नये सिरे से निर्देश जारी किये है.
ज्ञात रहे कि, शक्तिवाहिनी बनाम केंद्र सरकार का मामला सुप्रीम कोर्ट में चला और इस पर फैसला आया. इसके साथ ही 9 दिसंबर 2024 को अंकुरकुमार दुबे की दायर याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किए. जिसे लेकर गृह विभाग ने बताया कि अंतरधार्मिक और अंतरजातीय जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी शहरों और जिलों में विशेष प्रकोष्ठ बनाए जाएंगे. इन प्रकोष्ठ का गठन पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की अध्यक्षता में होगा. इन विशेष प्रकोष्ठों के प्रमुखों और उनके सदस्यों के नाम आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की वेबसाइटों पर अपलोड किए जाएंगे ताकि हर कोई इन्हें कहीं से भी बैठकर देख सके. इसके अलावा, इस उद्देश्य के लिए एक स्पेशल हेल्पलाइन नंबर 112 भी जारी किया गया है. इस नंबर के माध्यम से सेल को जो भी सूचना मिलेगी, उसे गुप्त रखा जाएगा.
* सर्किट हाउस में कमरा रहेगा बुक
अवर सचिव अशोक नाइकवाडे के जारी एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार जल्द ही विवाहित जोड़ों के लिए ऐसे सुरक्षित घर स्थापित करेगी. सरकारी विश्राम गृहों के परिसर में उनकी सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जाएगी. हर जिले के सर्किट हाउस में कम से कम एक कमरा आरक्षित किया जाएगा. यदि कमरा उपलब्ध नहीं है, तो तहसील मुख्यालय में एक सरकारी क्वार्टर उनके लिए खाली रखा जाएगा. यदि राज्य अतिथि गृह या सरकारी क्वार्टर में कोई कमरा उपलब्ध नहीं है, तो प्रकोष्ठों को किराए के आधार पर निजी आवास खोजने के लिए कहा गया है. व्यय सामाजिक न्याय विभाग वहन करेगा, जो अतिथि गृह या निजी आवास का प्रबंधन करेगा.
* बॉम्बे हाई कोर्ट को जाएगी रिपोर्ट
जिला कलेक्टर और जिला स्तर पर सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि वे वेबसाइट पर प्रासंगिक जानकारी पोस्ट करें. इसके अलावा, जानकारी नियमित आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट को प्रस्तुत की जाएगी. ऐसे जोड़ों के लिए की गई व्यवस्थाओं पर राज्य सरकार को अपडेट करना पुलिस महानिदेशक, आयुक्तों, कलेक्टरों और अधीक्षकों की जिम्मेदारी होगी.
* जिले में इस वर्ष हुए 450 अंतरजातीय विवाह
जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले में इस वर्ष करीब 450 अंतरजातीय विवाह हुए है. ऐसी जानकारी जिला परिषद के समाजकल्याण विभाग की ओर से प्राप्त हुई है. ऐसे अंतरजातीय विवाह करने वाले जोडों को कई बार उनके परिजनों व समाज की ओर से काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए अब सरकार द्वारा जिला एवं पुलिस प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश देकर ऐसे विवाहित जोडों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.