अमरावती

नई जलवाहिनी डालने मजीप्रा का 1,064 करोड रूपयों का प्रस्ताव

हमेशा जलापूर्ति खंडित होने की झंझट से मिलेगी मुक्ति

* 30 साल पुरानी जलवाहिनी में आये दिन होता है लीकेज
अमरावती/दि.2- अप्पर वर्धा बांध से अमरावती तक जलापूर्ति करने हेतु महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा करीब तीस वर्ष पहले भूमिगत पाईपलाईन डाली थी. जो इतने वर्षों के दौरान काफी कमजोर हो गई है और आये दिन इस जलवाहिनी में लीकेज होता है. जिसकी वजह से अमरावती शहर की जलापूर्ति ठप्प हो जाती है. इस समस्या को हल करने हेतु कालबाह्य हो चुकी पुरानी पाईपलाईन को बदलकर नई पाईपलाईन डालने के लिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा 1 हजार 64 करोड रूपयों का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जिसके तहत 31 किमी लंबाईवाली लोहे की गुरूत्व जलवाहिनी 22 किमी लंबाईवाली समानांतर अतिरिक्त जलवाहिनी, शहर में अतिरिक्त जलकुंभ, शहरी क्षेत्र की भुमिगत पाईपलाईन की दुरूस्ती, यांत्रिकी विद्युतीकरण तथा अन्य काम किये जायेंगे. अमृत योजना-2 अंतर्गत भेजे गये इस प्रस्ताव को मान्यता मिलने के बाद अमरावती शहरवासियों को वर्ष 2055 तक पानी के संदर्भ में कोई समस्या नहीं आयेगी.
जानकारी के मुताबिक इस प्रस्ताव के तहत 31 किमी लंबी तथा 2,100 मिमी व्यासवाली लोहे की गुरूत्ववाहिनी डालने हेतु सर्वाधिक 473 करोड 6 लाख रूपये तथा 1,700 मिमी व्यासवाली 22 किमी लंबी अतिरिक्त समांतर जलवाहिनी डालने हेतु 349 करोड 65 लाख रूपये का खर्च प्रस्तावित है. इसके अलावा शहर में पानी की टंकियों और पाईपलाईन की दुरूस्ती करने हेतु 65 करोड रूपये तथा यांत्रिकी व विद्युतीकरण के काम हेतु 22 करोड 2 लाख रूपये का खर्च होना अनुमानित है.

* सर्व दलिय प्रयास होना जरूरी
शहर में विगत कुछ माह से जलापूर्ति बार-बार खंडित हो रही है और इस समस्या की वजह से अमरावती शहरवासी बुरी तरह से हैरान-परेशान हो गये है. पानी के मामले में पूरी तरह से परिपूर्ण रहनेवाला अमरावती शहर व जिला जलवाहिनी की कृत्रिम दिक्कत के चलते त्रस्त हो गया है. जिस पर स्थायी रूप से उपाय करने हेतु जीवन प्राधिकरण द्वारा यह प्रस्ताव हाल ही में राज्य सरकार के पास भेजा गया. जलापूर्ति खंडित रहते समय विभिन्न जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों ने मजीप्रा कार्यालय पहुंचकर तरह-तरह के आंदोलन किये थे. ऐसे में अब सभी जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों को चाहिए कि, वे इस प्रस्ताव को मंजूर कराने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास करे.

* सन 2055 की जनसंख्या को ध्यान में रखकर प्रस्ताव
मजीप्रा द्वारा हमेशा ही भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार किया जाता है. जिसके चलते सन 2055 में जनसंख्या की स्थिति को ग्राह्य मानकर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव पर अमल करने के बाद ‘अराउंड द क्लॉक’ तो नहीं, लेकिन दिन में 20 घंटे पंपींग करते हुए अमरावतीवासियों को भरपूर व नियमित जलापूर्ति करना संभव हो सकेगा.
– अजय लोखंडे
उप कार्यकारी अभियंता, मजीप्रा, अमरावती.

* ऐसे होगा योजना पर खर्च (करोड रूपये)
काम का स्वरूप प्रस्तावित रकम
31 किमी लोहे की गुरूत्व वाहिनी 473.06
22 किमी समांतर अतिरिक्त जलवाहिनी 389.65
शहर में जलकुंभ व पाईपलाईन की दुरूस्ती 65.00
यांत्रिकी व विद्युतीकरण के अन्य काम 22.02
जीएसटी 113.97
कुल 1,063.70

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